आईएमएस नोएडा के सामुदायिक रेडियो सलाम नमस्ते में टोबैको फ्री यूथ कैंपेन 3.0 का आयोजन

 


सलाम नमस्ते में टोबैको फ्री यूथ कैंपेन का आयोजन

नोएडा (अमन इंडिया) । सेक्टर 62 स्थित आईएमएस नोएडा के सामुदायिक रेडियो सलाम नमस्ते में टोबैको फ्री यूथ कैंपेन 3.0 का आयोजन हुआ। बुधवार को स्मार्ट संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित स्वास्थ्य पहल सेहत सही लाभ कई के अंतर्गत इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संस्थान द्वारा आयोजित यह पहल जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ (गौतमबुद्धनगर) के सक्रिय सहयोग से संचालित की जा रही है।


सलाम नमस्ते की स्टेशन हेड बर्षा छबारिया ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य युवाओं को तम्बाकू के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना एवं एक स्वस्थ, नशा-मुक्त समाज के निर्माण के लिए प्रेरित करना है। इस अभियान के दौरान युवाओं को तम्बाकू सेवन के नुकसान, नशा छोड़ने के उपाय तथा स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए विशेषज्ञों द्वारा मार्गदर्शन प्रदान किया गया। साथ ही जागरूकता गतिविधियों और संवादात्मक सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों को तम्बाकू मुक्त जीवन की दिशा में प्रेरित किया गया।


आईएमएस के प्रसिडेंट राजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि तम्बाकू किसी भी रूप में शरीर, मन और समाज तीनों के लिए हानिकारक। स्वस्थ जीवनशैली अपनाना ही सशक्त भविष्य की कुंजी है। तम्बाकू का सेवन रोकना केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी भी है। देश का हर युवा यह संकल्प ले कि वह न केवल खुद तम्बाकू से दूर रहेगा, बल्कि दूसरों को भी जागरूक करेंगे।

कार्यक्रम के दौरान आईएमएस के महानिदेशक प्रोफेसर (डॉ.) विकास धवन ने कहा कि तम्बाकू का उपयोग न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि परिवार और समाज पर भी गहरा असर डालता है। युवाओं को सही दिशा और जागरूकता प्रदान करना बेहद आवश्यक है, वे ही आने वाले समय में नशा मुक्त और स्वस्थ भारत बनाने की शक्ति रखते हैं।

जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ (गौतमबुद्धनगर) की प्रभारी डॉ. श्वेता खुराना ने भारत सरकार के तंबाकू मुक्त भारत 3.0 अभियान के तहत संबोधित करते हुए कहा कि नशा सीधा मस्तिष्क को प्रभावित करता है। तम्बाकू में मौजूद निकोटिन मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को कमजोर करता है, जिससे निर्णय लेने की क्षमता, स्मरण शक्ति और मानसिक संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। युवाओं में तम्बाकू सेवन का बढ़ना भविष्य के लिए गंभीर चुनौती है, इसलिए समय पर जागरूकता और हस्तक्षेप बेहद आवश्यक है।