डॉक्टरों की सलाह माता-पिता बच्चों पर दबाव डालने के बजाय उन्हें मानसिक रूप से सहारा दें

 _*परीक्षा के कारण मानसिक रूप से थकान महसूस कर रहे छात्र*_


- *परीक्षा में असफलता का डर और आत्मविश्वास की कमी तनाव को दे रही जन्म


नोएडा (अमन इंडिया) । इन दिनों बच्चों के बोर्ड परीक्षा चल रही हैं, जिससे कई छात्र तनाव महसूस कर रहे हैं। परीक्षा का दबाव, अच्छे अंक लाने की चिंता और भविष्य की अनिश्चितता बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकती है। तनाव को समय रहते समझकर उसका समाधान करना आवश्यक है, ताकि छात्र बेहतर प्रदर्शन कर सकें।


फेलिक्स अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. आशिमा रंजन बताती हैं कि बोर्ड परीक्षाएं जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण हैं, लेकिन यह सफलता और असफलता का अंतिम पैमाना नहीं हैं। बच्चों को समझाने की जरूरत है कि मेहनत और धैर्य के साथ वे किसी भी परीक्षा में सफल हो सकते हैं। तनाव से बचाव के लिए माता-पिता और शिक्षकों को भी सहयोग करना चाहिए ताकि छात्र परीक्षा को सहजता से ले सकें और बेहतर प्रदर्शन कर सकें। छात्रों में तनाव के कारण अत्यधिक अध्ययन का दबाव है।  परीक्षा के समय बच्चे पढ़ाई में अत्यधिक समय लगाते हैं, जिससे वे मानसिक रूप से थकान महसूस करने लगते हैं। साथ ही परिवार और समाज की अपेक्षाएं भी है।  माता-पिता और समाज की उम्मीदें छात्रों पर भारी पड़ सकती हैं। समय प्रबंधन की कमी भी तनाव का कारण है। कुछ बच्चे सही तरीके से समय का प्रबंधन नहीं कर पाते, जिससे वे अंतिम समय में घबराहट महसूस करते हैं। प्रतियोगिता का माहौल भी इसका कारण है। दूसरों से आगे निकलने की होड़ भी तनाव को बढ़ाती है। कम आत्मविश्वास कई बार कारण बनता है। परीक्षा में असफलता का डर और आत्मविश्वास की कमी तनाव को जन्म देती है। बोर्ड परीक्षा के तनाव से बचने के स्मार्ट स्टडी करें है। मसलन रटने के बजाय विषयों को समझने की कोशिश करें। मॉडल पेपर हल करें। मसलन पिछले वर्षों के प्रश्न पत्र हल करने से आत्मविश्वास बढ़ता है। रिलैक्सेशन तकनीक अपनाएं। यानी कि संगीत सुनना, हल्का व्यायाम करना और पसंदीदा गतिविधियों में शामिल होना मददगार हो सकता है। अपनी तुलना दूसरों से न करें। यानी हर छात्र की क्षमता अलग होती है, इसलिए अपनी योग्यता पर भरोसा रखें। सकारात्मक माहौल बनाए रखें। खुद को सकारात्मक विचारों से घेरें और माता-पिता, दोस्तों से बात करें।


*तनाव के लक्षणः*

सिरदर्द और शरीर में दर्द

भूख न लगना या अधिक खाना

चिड़चिड़ापन और गुस्सा आना

नींद न आना या अधिक सोना

एकाग्रता में कमी और नकारात्मक सोच


*तनाव से बचने के उपायः*

पढ़ाई का सही टाइम टेबल बनाएं और ब्रेक भी लें।

च्छे परिणामों पर ध्यान दें और खुद पर विश्वास रखें।

रोजाना कुछ समय ध्यान और योग करने से मन शांत रहता है।

अच्छी नींद से दिमाग तरोताजा रहता है और स्मरण शक्ति बढ़ती है।

पोषण युक्त आहार जैसे फल, हरी सब्जियां और सूखे मेवे खाएं।

माता-पिता बच्चों पर दबाव डालने के बजाय उन्हें मानसिक रूप से सहारा दें।