हल्के कपड़े पहनने, ठंडे पानी या खाद्य पदार्थों के सेवन से बदलते मौसम में बीमार पड़ रहे है
- दिन के साथ रात ने आइसक्रीम के साथ कोल्ड्रिंक्स का सेवन नुकसानदेह
नोएडा (अमन इंडिया ) । नवंबर का आधा महीना बीतने के बाद मौसम में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। मौसम ने बदलाव से शरीर के तापमान का असंतुलन स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। हल्के कपड़े पहनने, ठंडे पानी या खाद्य पदार्थों के सेवन और सामान्य लापरवाही के कारण लोग सर्दी-जुकाम, बुखार और अन्य बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा कई लोग अब भी एसी दफ्तर और घर में चला रहे है। कई लोग तो आइसक्रीम के साथ कोल्ड्रिंक्स का सेवन कर रहे है। विशेषज्ञों के अनुसार इस मौसम में सतर्क रहना बेहद आवश्यक है।
फेलिक्स हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सोनाक्षी सक्सैना कहते हैं कि बदलते मौसम में लोगों को अपने पहनावे और खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। हल्के कपड़े और ठंडी चीजों के सेवन से बचें। नियमित रूप से हाथ धोने और सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनने से संक्रमण से बचा जा सकता है। बदलते मौसम में सतर्कता बरतकर और अपनी आदतों में थोड़ा बदलाव करके बीमारियों से बचा जा सकता है। ठंड के प्रभाव को नकारने के बजाय उससे बचाव के उपाय अपनाना अधिक समझदारी है। सही समय पर चिकित्सकीय सहायता लेने से बीमारी के गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है। स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है, और इसकी सुरक्षा करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। बदलते मौसम में बीमारियों के मुख्य कारण तापमान में असंतुलन है। दिन और रात के तापमान में बड़ा अंतर लोगों को बीमार बना देता है। इसी तरह अपर्याप्त कपड़े यानि मौसम की ठंडक को नजरअंदाज करते हुए हल्के कपड़े पहनना भी बीमार करता है। ठंडे खाद्य पदार्थों का सेवन यानि बर्फ वाले पेय, ठंडे पानी और ठंडी चीजों के सेवन से गले में संक्रमण हो सकता है। बदलते मौसम में वायरस और बैक्टीरिया तेजी से फैलते हैं, जिससे वायरल बुखार और सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं बढ़ती हैं। यदि किसी को सर्दी-जुकाम या बुखार के लक्षण दिखाई दें, तो बिना देरी के चिकित्सक से संपर्क करें। डॉक्टर की सलाह पर हल्के बुखार और दर्द के लिए दवाएं लें। सांस की तकलीफ और गले की खराश के लिए भाप लेना फायदेमंद है। गले के संक्रमण को कम करने के लिए नमक वाले गर्म पानी से गरारे करें। पर्याप्त नींद और आराम करें ताकि शरीर तेजी से ठीक हो सके।
बदलते मौसम में बीमारियों के लक्षण:
● गले में खराश या दर्द
● लगातार छींक आना और नाक बहना
● हल्का या तेज बुखार
● बदन दर्द और थकावट
● सांस लेने में कठिनाई
● खांसी, बलगम और छाती में भारीपन
बचाव के उपाय:
● ठंड से बचने के लिए हल्के ऊनी कपड़े पहनें।
● ठंडे पानी के बजाय गर्म पानी या हर्बल चाय का सेवन करें।
● सर्दियों में विटामिन सी से भरपूर फल, जैसे संतरा और नींबू, का सेवन करें।
● पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, लेकिन कमरे के तापमान का ध्यान रखें।
● सुबह की सर्दी से बचते हुए हल्का व्यायाम करें, ताकि प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सके।
● बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखें इन आयु वर्गों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, इसलिए अतिरिक्त देखभाल की आवश्यकता होती है।