साहित्यकार समाज की दशा को परिलक्षित करता है कैप्टन विकास गुप्ता राज्य मंत्री


*भावांजलि नवम उत्सव में साहित्यकारों का लगा महाकुंभ


 *तीन दर्जन से अधिक साहित्यकारों ने किया काव्य पाठ


*साहित्य के महाकुंभ में दर्जनों साहित्यकार किए गए सम्मानित




नोएडा (अमन इंडिया ) । अंकुर साहित्य परिवार द्वारा रविवार को भावांजलि उत्सव कार्यक्रम का आयोजन नोएडा सेक्टर 29 स्थित नोएडा मीडिया क्लब के सेमिनार हॉल में संपन्न हुआ। बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित कैप्टन विकास गुप्ता, राज्य मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार (चेयरमैन, उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद) एवं बतौर विशिष्ट अतिथि लेखक, कवि एवं पत्रकार डॉ चेतन आनंद एवं गजलकार सैदा आराई द्वारा भावांजलि उत्सव में विभिन्न साहित्यकारों को अवार्ड प्रदान किया गया। 


*दर्जनों साहित्यकार हुए सम्मानित*

अंकुर काव्य रत्न सम्मान चंद्र स्वरूप बिसरिया, डॉ. मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव शिखर, डॉ. राम कुमार झा निकुंज, नीलम हस्तीर को प्रदान किया गया। अर्जुन साहित्य श्रेष्ठ अवार्ड डॉ. अशोक को तथा कविवर गोपाल दास नेपाली साहित्य शिरोमणि अवार्ड एस पी दीक्षित को तथा साहिब-ए-ग़ज़ल सम्मान राजेश मेहरोत्रा राज को एवं खुशबू-ए-गजल अवार्ड सुनीता सोनू को प्रदान किया गया। कवि एवं पत्रकार डॉ. चेतन आनंद तथा डॉ. शैदा आराई को महाकवि डॉ. कुंवर बेचैन साहित्य सम्मान तथा राज्य मंत्री कैप्टन विकास गुप्ता को नागरिक सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया। श्रेष्ठ काव्य प्रस्तुति हेतु अनूप मिश्रा एवं रश्मि जावला को श्रेष्ठ रचनाकार सम्मान से नवाजा गया।




   *तीन दर्जन साहित्यकारों ने किया काव्य पाठ*

उक्त अवसर पर आयोजित काव्य पाठ में डॉ सुनील शर्मा ने मुझको आगोश में ले लो मैं परेशान सा हूं, उषा मुखर्जी ने मन में आज विवाद उठा क्या इतना सुंदर बचपन था,

कुंतल शर्मा ने खिली है गुलाबी जाड़े की मादक धूप, डॉ. मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव शिखर ने हम तो ठहरे सच्चे हिंदुस्तानी,

डॉ अशोक ने मां तो मां है, डॉ राम कुमार झा ‘निकुंज’ ने यायावर हम साथ में सुख-दुख में हम यार सुनाया तो गजलकार चंद्र स्वरूप बिसरिया अपनी गजल मुहब्बत करने वाले उम्र भर रहते जवां यारों तथा दूसरी गजल निगाहों से मुहब्बत की हसीं तहरीर लिखे हैं

उमड़ती है तुम्हें जो देखकर वो पीर लिखे हैं से शमां बांधा।


काव्य पाठ के क्रम में कविराज शर्मा ने याददाश्त कमजोर होती जा रही है उम्र बढ़ती जा रही है सुनाया तो दिल्ली पुलिस के एसीपी जितेंद्र कुमार ने आंधी न सही तूफान न सही हवा का एक झोंका ही काफी है जीवन के लिए सुनाकर वाहवाही लूटी।

मीनाक्षी शर्मा ने धुंधला किया है दिसंबर ने अंबर की वसुधा परेशान है कब तक मिलेगी धारा से नजरें की अंबर भी बेचैन है सुनाई तो

गजलकार शैदा आराई ने मतलबी लोग जरूरत से बात करते हैं, हम बड़े लोग हैं सबकत से बात करते हैं तथा अगली प्रस्तुति बदल भी जाए हुकूमत भी तो क्या होगा सुनाकर दर्शकों का मन जीत लिया। कार्यक्रम का संचालन कर रहे यादवेंद्र आर्य ने नैन ये दरश को तरस के बरसते हैं तथा अगली रचना इस कदर प्रतिकूल हैं हालात अपने सुनाया। माधुरी द्विवेदी ने सुगंध बनकर बहो हवाओं संग तथा तिनका तिनका होके बिखर जाऊंगी सुनाया। इसी क्रम में अभिमन्यु पांडेय ने ज्यादा होता नहीं तो थोड़ा भी कम नहीं होता तथा बाबुल मैं क्यों बड़ी हो गई सुनाया। रचना जैन ने सरिता सिंह की रचना शाम ढलते ही चली आती है मेरा दुख ही मेरा साथी है सुनाया। राजेश मेहरोत्रा राज ने घर मोहब्बत का एक सजाया है तथा गलतफहमी न पालो तो अच्छा है सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। राजदीप ने कान खोलकर सुनो मानसिंह तो कार्यक्रम को संचालन कर रहे रोहित मिश्र ने यमुना का जल कल कल कर रहा तथा चक्षुओं ने अश्रुओं को नकार दिया सुनाया। मनीष जैन मौजी ने अपने गज़ल कि सवालों से घबडाकर छोड़ दिए हमने जवाब ढूंढने से श्रोताओं के मन को टटोला तो बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित चेतन आनंद ने दूसरे के दुख में शरीक होके देख लेना, अपनी नज़रों में महान बन जाओगे तथा अगली रचना ऐ चरागों आंधियों का सामना करते रहो सुनाया तो हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी। उक्त कार्यक्रम में अनूप मिश्रा, शिब्बू गाजीपुरी, सुमीता सिन्हा आदि ने भी अपनी रचनाओं से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।

भावांजलि उत्सव में दर्जनों पुस्तक का हुआ विमोचन* भावांजलि उत्सव कार्यक्रम के दौरान मंचासीन अतिथियों ने विभिन्न साहित्यकारों चंद्र स्वरूप बिसरिया की पुस्तक नींद हमारी ख्वाब तुम्हारे तथा भींगा दर्द,  डॉ. मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव शिखर की सच्ची कहानियों पर आधारित मासूम और दरिंदे पुस्तक, डॉ राम कुमार झा 'निकुंज' के दोहा संग्रह पुस्तक यायावार एवं मधुमिता, डॉ अशोक की पांच पुस्तकों अरुणिमा, काकतंडी, प्रदीप, ब्रह्मकमल, नरगिस का विमोचन संपन्न हुआ। इसी क्रम में नीलम हस्तीर की पुस्तक चलो बुलावा आया है पुस्तकों तथा साझा संग्रह भावांजलि, एक चमन के फूल हम, शरहदें व शहादतें एवं बज्म ए हिंद का विमोचन भी मुख्य अतिथि के करकमलों द्वारा किया गया।


उक्त भावांजलि कार्यक्रम का संयोजन अंकुर साहित्य परिवार के संपादक निर्मेश त्यागी 'वत्स' एवं साहित्य संपादक सुनीता सोनू ने तथा कार्यक्रम का कुशल संचालन रोहित मिश्र एवं यादवेंद्र आर्य ने किया। कार्यक्रम के संयोजन में समाजसेवी रचना जैन एवं मनीष जैन का विशेष सहयोग रहा।