नई दिल्ली (अमन इंडिया ) ।14 नवंबर को दुनियाभर में डायबिटीज दिवस के तौर पर याद किया जाता है इस विषय पर मेरा वार्तालाप ब्लड शुगर का अनियंत्रित होना डायबिटीज का कारण बनती है। अगर शुगर लेवल अक्सर बढ़ा रहता है तो ये कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकती है। डायबिटीज वाले लोगों में समय के साथ कई अन्य प्रकार की भी स्वास्थ्य समस्याओं के बढ़ने का भी खतरा हो सकता है, हाई ब्लड प्रेशर भी उनमें से एक है !!
कई प्रसिद्ध अस्पतालों के फिजिशियन व हृदय रोग विशेषज्ञों ने बताया कि शुगर डायबिटीज के साथ जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की भी दिक्कत होती है, उन्हें अपनी सेहत को लेकर और भी अलर्ट रहने की सलाह दी जाती है !! वैश्विक स्तर पर बढ़ती डायबिटीज की समस्या के बारे में लोगों को जागरूक करने और बीमारी से बचाव को लेकर शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल 14 नवंबर को वर्ल्ड डायबिटीज डे मनाया जाता है !! डायबिटीज वाले रोगियों को ब्लड प्रेशर पर ध्यान देते रहना चाहिए मधुमेह दुनियाभर में किडनी फेलियर की समस्या का प्रमुख कारण है, एक तिहाई मधुमेह रोगियों में किडनी की बीमारी विकसित हो सकती है !! ज्यादातर मामलों के निदान में देखा जाता है यह समस्या ब्लड शुगर के साथ ब्लड प्रेशर के भी अनियंत्रित समस्या के कारण होती है !! किडनी की समस्याओं के अलावा डायबिटिक रोगियों में ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या हृदय रोगों और हार्ट अटैक जैसी जानलेवा समस्याओं का भी कारण बन सकती है !! मधुमेह और उच्च रक्तचाप दोनों से पीड़ित लोगों में दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा लगभग दोगुना होता है !! स्वस्थ आहार खाने और नियमित व्यायाम करने जैसी जीवनशैली बनाकर मधुमेह के साथ-साथ उच्च रक्तचाप की जटिलताओं को भी कम किया जा सकता है !! डायबिटीज वाले लोगों को प्रतिदिन रक्त शर्करा के स्तर की जांच करनी चाहिए नियमित व्यायाम करना, स्वस्थ वजन और पौष्टिक आहार का सेवन करके आप इन दोनों समस्याओं को नियंत्रित कर सकते हैं !! मधुमेह और उच्च रक्तचाप, अगर आपको दोनों समस्याएं हैं तो सबसे आवश्यक है कि आप इसकी नियमित सेल्फ मॉनिटरिंग करते रहें !! नियमित रूप से अपने डॉक्टर से मिलकर स्थिति की जांच कराते रहें !!
मधुमेह वाले लोगों को ब्लड प्रेशर को 140/90mmHg से कम रखने का प्रयास करते रहना चाहिए !! लाइफस्टाइल को ठीक रखकर इसमें लाभ पाया जा सकता है !! पिछले कुछ वर्षों में देखा गया है कि बच्चे, किशोर और 30 की उम्र के लोग तेजी से मधुमेह के शिकार हो रहे हैं, जबकि कुछ दशकों पहले तक इस आयु वर्ग के लोगों को सुरक्षित माना जा रहा था !! सेंकेंडरी लाइफस्टाइल इसका एक प्रमुख कारण हो सकती है कई बच्चों में भी यह समस्या देखी गई है !! यहां गंभीर बात यह है कि आप जितनी कम उम्र में इस समस्या के शिकार होते हैं, समय के साथ आप में गंभीर जटिलताओं के बढ़ने का खतरा उतना ही अधिक हो सकता है !! इसीलिए आवश्यक हो गया है कि सभी लोग डायबिटीज से बचाव के उपाय करते रहें !! कम उम्र में डायबिटीज होने का मुख्य कारण मोटापा भी माना जा सकता है !! अस्वास्थ्यकर खाने की आदतों, विशेषरूप से जंक फूड, अधिक कैलोरी, चीनी और फैट वाली चीजों का अधिक सेवन मोटापा और डायबिटीज दोनों के जोखिम को बढ़ा देता है !! अधिक वजन वाले लोगों में मेटाबॉलिज्म की समस्याओं का खतरा भी अधिक देखा गया है, जिससे इंसुलिन का उत्पादन और इसकी कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। डायबिटीज से बचाव के लिए वजन को नियंत्रित रखना सबसे आवश्यक माना जाता है !! युवाओं में तनाव की समस्या काफी तेजी से बढ़ती हुई देखी गई है, विशेषकर महामारी के बाद इसके मामलों में भारी उछाल आया है !! अध्ययनों में पाया गया है कि अधिक तनाव लेने वाले लोगों में समय के साथ डायबिटीज की समस्या होने का खतरा अधिक हो सकता है !! तनाव सीधे तौर पर मधुमेह का कारण नहीं बनती है, लेकिन कुछ प्रमाण हैं कि तनाव और टाइप-2 डायबिटीज के जोखिमों के बीच संबंध हो सकता है !!
डायबिटीज के लक्षण:-
अत्यधिक भूख लगना, अचानक वजन कम होना, हाथों या पैरों में झुनझुनी, थकावट, कमजोरी, शुष्क त्वचा, घावों का धीरे-धीरे भरना, अत्यधिक प्यास लगना, विशेष रूप से रात में बहुत अधिक पेशाब आना, संक्रमण, बालों का झड़ना टाइप-2 डायबिटीज के आम लक्षण हैं !! वहीं, टाइप-1 डायबिटीज में लोग मतली, पेट दर्द, उल्टी जैसे लक्षण भी महसूस करते हैं !!
बचाव:- मीठा कम खाएं शक्कर से भरी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन करने से बचें।
एक्सरसाइज करें, सुबह-शाम टहलने जाएं।
पानी ज्यादा पीएं मीठे शर्बत और सोडा वाले ड्रिंक्स पीने से बचें।
आइसक्रीम, कैंडीज खाने से भी परहेज करें।
वजन घटाएं और नियंत्रण में रखें।
स्मोकिंग और अल्कोहल लेने से परहेज करें।
हाई फाइबर डायट खाएं, प्रोटीन का सेवन भी अधिक मात्रा में करें।
विटामिन डी की कमी ना होने दें। क्योंकि, विटामिन डी की कमी से डायबिटीज का खतरा बढ़ता है।
मेरा सभी से अनुरोध है कि अपनी जीवन शैली में बदलाव करें, खूब सैर करें और योगा नित्य प्रतिदिन अवश्य करें !!