- स्तन कैंसर से छुटकारा पाने वाले 350 लोगों और उनका खयाल रखने वाले लोगों के साथ मीनाक्षी लेखी भारत की संस्कृति राज्यमंत्री ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया-
- अक्टूबर स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता का महीना है-
नई दिल्ली (अमन इंडिया ) । अक्टूबर को स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने के महीने के तौर पर मनाया जाता है। फोर्टिस कैंसर इंस्टीट्यूट-एनसीआर ने स्तन कैंसर से उबरने वाले (ब्रैस्ट कैंसर सरवाइवर्स) और उनकी देखभाल करने वाले लोगों (केयरगिवर्स) को भावनात्मक मदद देने और संपूर्ण उपचार उपलब्ध कराने के लिए उमंग नामक अनोखा सपोर्ट ग्रुप लॉन्च किया है। मीनाक्षी लेखी, केंद्रीय विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री, भारत सरकार इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि रहीं और आध्यात्मिक गुरु बहन बीके शिवानी ने कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर हिस्सा लिया जिन्होंने स्वास्थ्य और देखभाल के बारे में प्रेरणादायक चर्चा भी की। इस कार्यक्रम में लगभग 350 लोगों ने हिस्सा लिया जिनमें दिल्ली-एनसीआर फोर्टिस अस्पतालों से कई ऑन्कोलॉजिस्ट, स्तन कैंसर से उबर चुके लोग, मरीज़ों की देखभल करने वाले लोग और कई जानी-मानी हस्तियां शामिल थीं।
"विंड बिनीथ माई विंग्स" नामक कार्यक्रम में कैंसर से उबरने वाले कई लोगों ने कैंसर से मुकाबला करने की अपनी सफलता की कहानियां सुनाई हैं कि किस तरह उनकी तबियत में सुधार हुआ और वे विजेता बनकर उभरे। ये कहानियां उन लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाने के काम आईं जो फिलहाल स्तन कैंसर से जूझ रहे हैं। "ट्यूंस एंड ट्वर्ल्स" नाम से एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें संगीत, गाना और नाचना शामिल था, जहां कैंसर से मुकाबला कर चुकीं, राष्ट्रीय स्तर की वीणा वादक श्रीमती
सरस्वती राजगोपालन ने वीणा बजाई। देखभाल करने वालों द्वारा रैंपवॉक का आयोजन भी किया गया, ताकि उनके योगदान को सम्मानित किया जा सके।
अपने संबोधन में मीनाक्षी लेखी, केंद्रीय विदेश और संस्कृति राज्य मंत्री, भारत सरकार ने कहा, "भारत में महिलाओं को होने वाले कैंसर में लगभग 27 फीसदी हिस्सा स्तन कैंसर का है और इसका ज़्यादातर असर 40 वर्ष के आसपास के उम्र वाली महिलाओं पर पड़ता है, जबकि विकसित देशों में यह उम्र 55-60 वर्ष है। जागरूकता बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इसकी मदद से समय से बीमारी का पता चल पाता है। मेरा मानना है कि स्तन कैंसर के उपचार के तीन प्रमुख स्तंभ हैं - महिलाओं के बीच जागरूकता, समय से बीमारी का पता लगाना और व्यापक उपचार। हमें पुरुषों को भी स्तन कैंसर के प्रति जागरूक बनाना चाहिए क्योंकि स्वास्थ्यसेवाओं और समर्थन देने के लिहाज़ से वे महत्वपूर्ण हैं। हमें ज़रूरत होगी कि लोग, स्वास्थ्यसेवा से जुड़े विशेषज्ञ और अन्य लोग मिलकर ऐसे प्रयास करें जो जोखिम कम करने की रणनीति बनाने के लिहाज़ से महत्वपूर्ण हों।"
इस मौके पर अनिल विनायक, जीसीओओ, फोर्टिस हेल्थकेयर ने कहा, "इस आयोजन का उद्देश्य स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता और उम्मीद को बढ़ावा देना है। स्तन कैंसर विकासशील देशों के साथ-साथ विकसित देशों में बहुत ही सामान्य है, लेकिन आम लोगों में इसे लेकर जागरूकता बेहद कम है। मैमोग्राफी की मदद से समय से बीमारी का पता लगाने और जल्दी जांच कराकर लोगों का जीवन बचाया जा सकता है। इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने के लिए हम बीके शिवानी का धन्यवाद देते हैं। उनकी प्रेरणादायक चर्चा से सुनने वालों का उत्साह बढ़ा है। यह सपोर्ट ग्रुप इस घातक बीमारी से लड़ने और सेहतमंद जीवन व मज़बूत बनने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस कार्यक्रम के प्रति समर्थन व्यक्त करने और स्तन कैंसर के मरीज़ों को प्रोत्साहित करने के लिए हम मीनाक्षी लेखी जी के प्रति भी आभार व्यक्त करते हैं।"
फोर्टिस हैल्थकेयर लिमिटेड के बारे में
फोर्टिस हैल्थकेयर लिमिटेड, जो कि आईएचएच बेरहाड हैल्थकेयर कंपनी है, भारत में अग्रणी एकीकृत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता है। यह देश के सबसे बड़े स्वास्थ्यसेवा संगठनों में से एक है जिसके तहत् 28 हैल्थकेयर सुविधाएं, 4,500+ बिस्तरों की सुविधा (ओ एंड एम सुविधाओं समेत) तथा 400 से अधिक डायग्नॉस्टिक केंद्र (संयुक्त उपक्रम सहित) हैं।
भारत के अलावा, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) तथा नेपाल एवं श्रीलंका में भी फोर्टिस के परिचालन है। कंपनी भारत में बीएसई लिमिटेड तथा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर सूचीबद्ध है। यह अपनी ग्लोबल पेरेंट कंपनी आईएचएच से प्रेरित है तथा मरीज़ों की विश्वस्तरीय देखभाल एवं क्लीनिकल उत्कृष्टता के उनके ऊंचे मानकों से प्रेरणा लेती है। फोर्टिस के पास ~23,000 कर्मचारी (एगिलस डायग्नॉस्टिक्स लिमिटेड समेत) हैं जो दुनिया में सर्वाधिक भरोसेमंद हैल्थकेयर नेटवर्क के तौर पर कंपनी की साख बनाने में लगातार योगदान देते हैं। फोर्टिस के पास क्लीनिक्स से लेकर क्वाटरनरी केयर सुविधाओं समेत संपूर्ण एकीकृत स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।