नवरत्न फाउंडेशन्स के जो आए वो गाए के तीसरे संस्करण का तीसरा एपिसोड गर्म जोशी के साथ आई. टी. ई ग्रुप के सहयोग से हर्षोल्लास से संपन्न



नोएडा (अमन इंडिया ) । भारत के एशिया कप की दमदार जीत के जशन के साथ सुहावन और लुभावन मौसम में खुले आसमान तले व शीतल बयार के बीच विगत रविवार 17 सितंबर की शाम नवरत्न फाउंडेशन्स के जो आए वो गाए के तीसरे संस्करण का तीसरा एपिसोड गर्म जोशी के साथ आइ. टी. ई  ग्रुप के सहयोग से नोएडा हाट में  हर्षोल्लास से संपन्न हुआ। 


*हरितालिका तीज व गणपति महोत्सव की तैयारियों* में व्यस्त होने के कारण इस एपिसोड में प्रतिभागियों की संख्या थोड़े-बहुत कम रही, लेकिन जो भी रहे मंच पर उनकी दमदार प्रस्तुतीकरण ने नोएडा हाट के प्रांगण में धूम मचा दी।

कार्यक्रम का शानदार आगाज हमेशा की तरह गंधर्व बैंड के सांगीतिक परिचय के उपरांत  नवरत्न फाउंडेशन्स के अध्यक्ष व कार्यक्रम के संचालक डा. अशोक श्रीवास्तव के उद्बोधन से हुआ जिसके दौरान उन्होंने प्रतिभागियों को कार्यक्रम की संरचना और नियम व शर्तों से भी परिचय कराया।

पहले हीं प्रतिभावान निशांत त्रिपाठी ने "दिल क्या करे जब किसी को" सरीखे गीत के शानदार गायन से अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज की। जहाँ रिटायर्ड बैंकर अजय कुमार बहोत ने अपने धमाकेदार गायन "क्या हुआ तेरा वादा" से उपस्थित गुरूओं को खुश कर महफ़िल में जान फूंक दी तो वही 23 वर्ष के अभिषेक पाल ने "एक प्यार का नग़मा है" डरे सहमे आवाज में गाया लेकिन *गुरू सोमेश्वर शर्मा व पंकज माथुर के निर्देश व संचालन कर रहे महागुरू डा. अशोक श्रीवास्तव के हौसलाअफजाई के पश्चात गीत का  अंतरा "कुछ पाकर खोना है" बेहतरीन गाकर सही में अपना खोया आत्मविश्वास पा कर मंच पर खड़े होने के हावी हो रहे डर से बाहर  आते नजर आए* , यही तो इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य भी है।

47 वर्षीय बृज मोहन ने "मोहब्बत जिंदा रहती है" सरीखे कठीन गीत का एडलिब भी शानदार लेकिन सहज हो कर गाया  की जजों ने भी वाह वाह की।

टीम से उपस्थित सह-सचिव-नवरत्न फाउंडेशन्स श्रीमति अंशुमाली सिन्हा भी "मेरे ख्वाबों में जो आए" गाकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर करती नजर आईं तो मंच की जान बन चुके पवन सूद ने भी "मेरे नैना सावन भादो से तारीफें बटोरी।

इसी बीच दो विशिष्ट अतिथि जय हिंद जनाब अखबार के एडिटर मो.आजाद और बॉलीवुड में कभी खुशी कभी गम के "सूरज हुआ मद्धम" जैसे बहुचर्चित गीत के गीतकार व स्क्रिप्ट राइटर अनिल पांडे की उपस्थिति से महफ़िल में खुशी की लहर दौड़ गई। 

*गीतकार  अनिल पांडे जी ने अपने आगामी प्रोजेक्ट्स पर प्रकाश डाला और साथ हीं एक दार्शनिक गीत "दुनिया एक बारात है" से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।


इत्तेफाक रहा कि इस बार जजों में सोनू निगम के अनन्य शिष्य, शागिर्दों में अजीज व छोटे भाई से *NAMAH* म्युजिकल ग्रुप के फाउंडर *संदीप मिश्रा* भी उपस्थित रहे और गीत सूरज हुआ मद्धम चूकी उनके गुरू सोनू निगम का गाया है तो गीतकार अनिल पांडे जी के समक्ष प्रदर्शन से स्वयं को कैसे रोक पाते??


तवलीन ने खुबसूरत मुर्कीयों संग "आइये मेहरबान", विकास आनंद ने "बेकरार कर के हमें", नीरज श्रीवास्तव ने "आते जाते खुबसूरत", प्रसिद्ध  सेक्सोफोन वादक  संजय शर्मा ने "कौन है जो सपनों में आया", पंजाब के जिराकपुर से आइ स्वाती तनेजा ने अपने खुबसूरत आलाप से "दम मारो दम" गीत को अलग उँचाई दी, राहुल स्वामी ने "बहारों फूल बरसाओ", हर्षदीप ने "गुलाबी आँखे" गाकर शानदार प्रदर्शन किया वहीं श्रीमति रेखा पाठक ने "ढूँढो ढूँढो रे साजना" से गीत गाकर सभी को लोक संस्कृति व लोकगीतों की दुनिया में ले गई जिसपर सभा में उपस्थित एक गुजराती बेन ठुमकने से खुद को ना रोक पाईं।


कुछ विशिष्ट प्रस्तुतियाँ हुईं जिनमें मोहित शर्मा ने "सोचेंगे तुम्हें प्यार", संस्था के एडवाइजर दीपक नायडू रफ़ी साहब के अंदाज में "छलकाए जाम"  गाए। 

डा. अशोक श्रीवास्तव जी भी कहाँ पीछे रहने वालों में थे।समय समय पर अपने किशोरावस्था और युवा काल की घटनाओं को बता कर गुदगुदाते और कभी चाय वाले की  मिमिक्री तो कभी किसी और की मिमिक्री से दर्शको को खूब हँसाते कभी कभी तो अपनी शानदार गायकी के लिए मशहूर गुरू *संजय पांडेय* ने भी इस कार्य में उनका साथ दिया और अपनी बुलंद आवाज में चायवाला बन एक दो आवाज भी लगाई।

अंत में उपस्थित गुरूओं में सोमेश्वर शर्मा ने "मेरी भीगी भीगी सी", पंकज माथुर ने" लेना होगा जन्म हमें", संजय पांडे ने "मैं शायर तो नहीं" गाकर कार्यक्रम को अंजाम दिया तो वहीं विशिष्ट रूप से पटना से आए सुशील वर्मा ने "मैं जट अमला पगला दिवाना" गा कर अंत में धमाल कर दिया। जिसके बाद में आगामी *चौथे एपिसोड को *15 अक्टूबर* को करने की घोषणा हुई। अंशुमाली सिन्हा सयुंक्त सचिव एवं सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर नवरत्न फाउंडेशन्स उपस्थित रही।