फेलिक्स अस्पताल ने धूम धाम से विश्व फार्मासिस्ट डे मनाया और फार्मेसी टीम को सम्मानित किया


चिकित्सा क्षेत्र में रीढ़ की हड्डी है फार्मासिस्ट 

नोएडा (अमन इंडिया ) ।  फार्मासिस्ट का कार्य सिर्फ दवाओं के वितरण तक ही सीमित नहीं है। उनका रोल डॉक्टर्स, नर्सेस और पेशेवर स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर मरीज को स्वस्थ करने में होता है। फार्मासिस्ट हॉस्पिटल व क्लीनिक में रीढ़ की हड्डी होता है। उनकी जिम्मेदारी है कि मरीज दवा सही समय पर और सही डोज लें। यह बातें फेलिक्स हॉस्पिटल में 

फेलिक्स अस्पताल ने धूम धाम से विश्व फार्मासिस्ट डे मनाया और फार्मेसी टीम को सम्मानित किया | 

हर साल 25 सितंबर को दुनिया भर में विश्व फार्मासिस्ट डे मनाया जाता है। ये पहल विश्व फार्मासिस्ट दिवस इंटरनेशनल फार्मास्युटिकल फेडरेशन (एफआईपी) ने की थी, जिसे साल 2000 में इस्तांबुल में एक सम्मेलन में मान्यता दी गई थी। इस दिन को मनाने का उद्देश्य फार्मेसियों पर ध्यान केंद्रित करना है। इसके अलावा हर कोने-कोने में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने की कोशिश है।

एक फार्मासिस्ट लोगों की सेहत को ध्यान में रखते हुए अपने सभी काम करता है, जिसमें दवा की पहचान, उसकी रीस्टॉकिंग, एक्सपायरी डेट आदि शामिल है, ताकि किसी के भी स्वास्थ्य पर कोई बुरा असर न हो। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए एफआईपी ने सभी फार्मासिस्टों के सम्मान में इस दिन को मनाने का समर्थन किया। हर साल जब भी इस दिन को मनाया जाता है तो एक थीम के साथ होती है। इस बार वर्ल्ड फार्मासिस्ट डे की थीम है फार्मेसी इज स्ट्रेंथनिंग हेल्थ सिस्टम है। विश्व फार्मासिस्ट दिवस मनाने का मकसद है दुनिया भर के फार्मेसिस्टों को उनके द्वारा दिए गए योगदानों को सम्मान देना है और इसके साथ ही फार्मेसी के पेशे को बढ़ावा देना है। इस दिन प्रत्येक व्यक्ति को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में फार्मासिस्ट्स द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है। इस खास दिन स्वास्थ्य के क्षेत्र में अपना अहम योगदान देने के लिए फार्मासिस्ट्स को सम्मानित किया जाता है। इस दिन को मनाने का सबसे अच्छा तरीका फार्मासिस्ट्स के प्रयास को पहचानना और वे हमारे लिए जो भी कर रहे हैं, उसके लिए उन्हें धन्यवाद देना है। डॉक्टर मरीज को देखने के बाद बीमारी को डायग्नोज करते हैैं। इसके बाद वह ट्रीटमेंट लिख देते हैैं। इसके बाद में फार्मासिस्ट का काम शुरू होता है। वह मरीज को सही गुणवत्ता और सही मात्रा में दवा की डोज देता है। मरीज को दवाओं को खाने का सही तरीका बताता है। तब जाकर मरीज स्वस्थ होता है। इसलिए फार्मासिस्ट को डॉक्टर व मरीजों के बीच की कड़ी भी कहा जाता है। फार्मासिस्ट मरीजों को सुरक्षित और प्रभावी दवाओं का अदान-प्रदान करने में मदद करते हैं, रोगियों को दवाओं के उपयोग के बारे में जागरूक करते हैं, और उन्हें सही दवाओं का सही खुराक में लेने का सुझाव देते हैं।