कड़ाके की सर्दी में जरा से लापरवाही पर आ रहा हार्ट अटैक फेलिक्स अस्पताल के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. सैयद जफरूल हसन

 


नोएडा (अमन इंडिया) । कड़ाके की सर्दी और शीतलहर कहर बरपा रही है। तापमान रिकॉर्ड तोड़ रहा है। सुबह की शुरुआत घने कोहरे से हुई और धूप निकलते ही तेज बर्फीली हवाओं ने गलन से बेहाल कर दिया। राह चलना तक मुश्किल हो गया। हृदय के मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। इस कारण हार्ट अटैक बढ़ गया है। 


फेलिक्स अस्पताल के कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. सैयद जफरूल हसन  ने बताया कि अस्पताल में ऐसे मरीजों की संख्या अधिक हो रही, जो लंबे समय से हृदय रोग से पीड़ित रहे हैं। इनमें उच्च रक्तचाप, अत्याधुनिक मधुमेह के कारण उम्रदराज लोगों की नसों में खून के थक्के जमने के कारण नस फटने की समस्या आ रही है। सर्दी में  हार्ट अटैक का खतरा 31 फीसदी तक बढ़ जाता है। सोते समय शरीर की एक्टिविटीज स्लो हो जाती हैं। बीपी और शुगर का लेवल भी कम होता है। लेकिन उठने से पहले ही शरीर का ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम उसे सामान्य स्तर पर लाने का काम करता है। यह सिस्टम हर मौसम में काम करता है। ठंड के दिनों में इसके लिए दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे जिन्हें हार्ट की बीमारी है, उनमें हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। ठंड के मौसम में नसें ज्यादा सिकुड़ती हैं और सख्त बन जाती हैं। इससे नसों को गर्म और एक्टिव करने के लिए ब्लड का फ्लो बढ़ जाता है जिससे ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट अटैक होने का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में जिन्हें पहले से ही दिल की बीमारी है या जिन्हें पहले भी हार्ट अटैक हो चुका है, उनके लिए ज्यादा ठंड जानलेवा हो जाती है। तापमान, विटामिन डी, सीरम कोलेस्ट्रॉल स्तर, शारीरिक निष्क्रियता, हार्मोन, वायु प्रदूषण, संक्रमण, आयु, लिंग, आहार और मोटापा हृदय के लिए जटिलताओं का कारण बन सकती है। ठंड के मौसम में हमारा शरीर स्वाभाविक रूप से तापमान को बैंलेस करते रहने की कोशिश करता है। जब बाहर का तापमान कम होने लगता है तो इसके हिसाब से शरीर को अपना तापमान सेट करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इसके कारण बीएमआर (बेसल मेटाबोलिक रेट) बढ़ जाता है। बेसल मेटाबोलिक रेट शरीर के मेटाबॉलिज्म को मापता है। इसके अलावा सर्दियों के दौरान वाहिकाओं में संकुचन की समस्या भी बढ़ जाती है जिससे हृदय पर अतिरिक्त दबाव बढ़ने का खतरा हो सकता है। जिन लोगों को पहले से ही हार्ट अटैक हो चुका है या फिर डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल जैसे जोखिम रहे हैं उनमें इस मौसम में हार्ट अटैक होने का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे लोगों को हृदय की सेहत को लेकर विशेष सावधानी बरतते रहने की सलाह दी जाती है। हृदय रोगी स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम की आदत धमनियों को स्वस्थ रखने और हृदय को बेहतर तरीके से काम करते रहने में मदद करती हैं। सर्दियों में हाई कैलोरी वाले आहार का सेवन कम करें। अधिक ठंड से बचाव करते रहें, यदि आपकी पहले से ही हृदय की बीमारियों का दवा चल रही है तो इसमें कोताही न बरतें। थोड़ी सी सावधानी बरतकर हृदय को स्वस्थ रखा जा सकता है।  केवल जरूरी कामकाज से ही बाहर निकलें। मॉर्निंग वॉक पर न जाएं।