नोएडा (अमन इण्डिया )।
सड़क हादसों में हर रोज़ जाती है 426 लोगों की जान, ट्रैफिक पुलिस ने फेलिक्स अस्पताल की मदद से बताया जान बचाने का तरीका हर साल लगभग 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं, प्रति वर्ष 1.5 लाख मृत्यु, 426 मौत प्रति दिन एवं हर 4 मिनट में 1 मौत | ये डाटा आपको डरा सकता है, मगर ये दुखद सच्चाई है| लेकिन कुछ आवश्यक जागरूकता और ट्रैफिक नियम का पालन करके हम मृत्यु दरों को कम कर सकते है| इसी गंभीर समस्या का समाधान निकालने की कोशिश में ट्रैफिक पुलिस डिपार्टमेंट ने फेलिक्स अस्पताल की मदद से 9 नवंबर को फर्स्ट एड एवं सीपीआर ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया, जिसका उद्देश्य समाज में फर्स्ट एड के महत्व को समझाना था| किसी एक्सीडेंट या दुर्घटना के बाद व्यक्ति को सही समय पर फर्स्ट एड (First Aid) मिलना बहुत ज़रूरी है। समय पर फर्स्ट एड (First Aid) प्रदान करके कई जानों को प्रतिदिन बचाया जा सकता है।
कैंप में आलोक सिंह (पुलिस आयुक्त), रवि शंकर छवि (डीआईजी लॉ एंड ऑर्डर) एवं सुश्री भारती सिंह (डीआईजी मुख्यालय) उपस्थित रहे|
अस्पताल के चेयरमैन डॉ डीके गुप्ता ने कहा कि किसी भी घायल या बीमार व्यक्ति को अस्पताल तक पहुँचाने से पहले उसकी जान बचाने के लिए हम जो कुछ भी करते हैं, उस प्राथमिक चिकित्सा को फर्स्ट ऐड कहते हैं। प्रति वर्ष 15 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु सिर्फ़ इसलिए हो जाती है क्योंकि उन्हें समय पर फर्स्ट ऐड नहीं मिल पाता।
आलोक सिंह (पुलिस आयुक्त) ने कहा भारत की 80 प्रतिशत आबादी को सीपीआर देना नहीं आता। इमरजेंसी के समय क्या करना चाहिए, उससे ज़्यादा महत्वपूर्ण यह जानना है कि क्या नहीं करना चाहिए।
जानिए क्यों है फर्स्ट एड मिलना इतना ज़रूरी?
गलत चिकित्सा से व्यक्ति विशेष की जान जाने का ख़तरा बढ़ सकता है।
कब ज़रूरी होती है फर्स्ट ऐड ?
प्राथमिक चिकित्सा के तहत दम घुटना (पानी में डूबने के कारण, फाँसी लगने के कारण या साँस नली में किसी बाहरी पदार्थ का अटक जाना, ह्रदय गति रूकना, हार्ट अटैक, ख़ून बहना, शरीर में ज़हर का असर होना, जल जाना, हीट स्ट्रोक, अत्यधिक गर्मी के कारण शरीर में पानी की कमी, बेहोशी या कोमा, मोच, हड्डी टूटना और किसी जानवर के काटने पर दिया जा सकता है। ट्रेनिंग में इन सभी विषयों पर बात की गयी।
ट्रेनिंग में प्राथमिक उपचार की जानकारी दी गयी और ये भी बताया गया कि किसी भी घटना की स्थिति में एम्बुलेंस आने से पहले कर्मचारी को प्राथमिक उपचार कैसे दिया जा सकता है। इससे न केवल उसकी जान बचाई जा सकती है, बल्कि घायल होने या बीमार पड़ने पर उसके ठीक होने में लगने वाले समय को भी कम किया जा सकता है। ट्रेनिंग में डॉक्टर ने बताया कि हमेशा अपने वाहन में फर्स्ट एड का सामान रखें, फर्स्ट एड में क्या दवाएँ और क्रीम आवश्यक है, ताकि जहाँ आवश्यकता हो उसका उपयोग किया जा सके।
डॉक्टर ने बताया कि फर्स्ट एड (First Aid) के दौरान किन बातों का ख्याल रखना चाहिए?
फर्स्ट एड के दौरान कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए, जैसे:
अपने हाथों और अन्य स्किन सर्फेस को अच्छे से धोना
ग्लव्स, मास्क और अन्य प्रोटेक्टिव आईवियर का प्रयोग
प्रोटेक्टिव सूट, गाउन और एप्रन को पहनना
तेजधार वाली चीज़ों का ध्यान से प्रयोग
सभी दूषित सतहों को कीटाणुरहित करना
सही डिस्पोजल कंटेनर्स का प्रयोग
CPR के लिए सही प्रोटेक्टिव मास्क (Protective Mask) का प्रयोग करना
उस स्थान पर कुछ नहीं खाना-पीना, स्मोकिंग और अन्य चीज़ों का इस्तेमाल नहीं करना
पर्यावरण सेवा के कर्मचारियों से संपर्क करना, जो शारीरिक तरल पदार्थों को साफ़ करने के लिए प्रशिक्षित हों