ईश्वर तभी क्षमा करेगा जब मनुष्य , मनुष्य को क्षमा करेगा - परम्पराचार्य प्रज्ञसागरक्षमा दिवस अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाये -परम्पराचार्य प्रज्ञसागर


दिल्ली (अमन इंडिया)।


मनुष्य जब मनुष्य को क्षमा करता तो ईश्वर भी उसकी हर बड़ी गलती को क्षमा  करता है। मन से मांगी गयी क्षमा  जीव को सजन्नता और सौम्यता की तरफ ले जाती  है। सेवक अपने स्वामी से क्षमा मांगे और स्वामी भी सेवक से क्षमा मांगे और यह भी कटु सत्य है कि क्षमादान भी वीर पुरुष ही कर सकते है, ये कहना था परम्पराचार्य प्रज्ञसागर जी मुनिराज का, उन्होंने बताया कि  वर्ष 2023 - 2024  में भगवान महावीर निर्वाण महोत्सव पुरे विश्व में मनाया जायेगा। उन्होंने खंडेलवाल जैन मंदिर राजा बाजार में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि हम क्षमावाणी पर 18 सितम्बर को लाल किला मैदान में भव्य रूप से मना रहे है जिसमे  साधु संत विराजमान होंगे जो अपने प्रवचनो से लोगो को भगवान महावीर के आदर्शो पर चलने के लिए प्रेरित करेंगे। यह दिवस विश्व मैत्री क्षमा दिवस के रूप में मनाया जा रहा है जैन समाज इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाएगा और हमारी भारत सरकार से भी यही कामना है की वह इस दिवस को क्षमा दिवस के रूप में घोषित करे। इस अवसर पर अखिल भारतीय भगवान महावीर निर्वाणोत्सव समिति के अंतर्गत  विश्व मैत्री क्षमा दिवस समोराह के मुख्य संयोजक सत्य भूषण जैन ने बताया कि जैन धर्म  हमें मन मुटाव भूलकर एक दूसरे के साथ आपसी भाईचारे के साथ रहना सिखाता है अगर विश्व में हर इंसान एक दूसरे की गलती को क्षमा करदे तो विश्व में किसी बात की लड़ाई नहीं रहेगी। समोराह के प्रायोजक संजीव जैन ने बताया कि भगवान महावीर हमें जीयो और जीने दो की राह पर चलना सिखाते है। इस अवसर पर संघस्थ अनिकेत, विवेक जैन, रमेश जैन महामंत्री, मनोज जैन उपाध्यक्ष ने कहा की भारत शांति चाहने वाला देश है हम सब भगवान महावीर के बताये रास्ते पर चलकर पुरे विश्व में शांति लाना चाहते है और इसका एकमात्र विकल्प है एक दूसरे को  क्षमा कर देना है