जागरूकता से होगा बीमारियों का खात्मा: डॉ डीके गुप्ता



नोएडा (अमन इंडिया) । 


कोरोना महामारी के आने के बाद लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हुए हैं। कोरोना के लक्षण दिखने पर समय पर जांच के साथ ही इलाज को प्राथमिकता देते हैं। कोरोना की तरह दूसरी बीमारियों के प्रति समय पर जांच और इलाज करा कर बीमारियों से बचा जा सकता है। बीमारियों का खात्मा तभी संभव होगा जब लोग इसके प्रति जागरूक होंगे। यह बातें विश्व स्वास्थ्य दिवस पर फेलिक्स अस्पताल के चेयरमैन डॉ डीके गुप्ता ने कही। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में 7 अप्रैल का दिन विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण है। हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। पिछले सालों में कोरोना महामारी ने विश्व स्तर पर अपना प्रकोप दिखाया। दुनिया के लगभग हर देश में संक्रमण का प्रसार हुआ। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हर स्तर पर प्रयास किया कि दुनिया को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें। सभी जगह बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं रहें और संक्रमण से बचाव हो सके। इसी तरह लगभग सभी देश बीमारी से मुक्त हों और उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में किसी प्रकार की कोई कमी न हो, यह सब विश्व स्वास्थ्य दिवस को मनाने का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है।

साल 1948 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना की गई थी। इसके दो साल बाद साल 1950 में विश्व स्वास्थ्य दिवस को मनाने का निर्णय लिया गया। इस दिन को विश्व स्तर पर मनाने की पहल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने की। ऐसे में स्वास्थ्य दिवस को मनाने की शुरुआत हुई। ऐसे में डब्ल्यूएचओ के स्थापना दिवस के मौके पर विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाने की शुरुआत हुई। 1950 को पहली बार डब्ल्यूएचओ से जुड़े सभी देशों ने विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया था। उसके बाद जैसे जैसे देश डब्ल्यूएचओ से जुड़ते हुए, वहां हर साल अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य दिवस मनाने की शुरुआत हुई। दुनिया भर के सभी देशों में समान स्वास्थ्य सुविधाओं को फैलाने के लिए लोगों को जागरूक करना, स्वास्थ्य संबंधी मामलों से जुड़े मिथकों को दूर करना और वैश्विक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं पर विचार करना और उन विचारों पर काम करना स्वास्थ्य दिवस का उद्देश्य है। इस दिन स्वास्थ्य सेवाओं, सुविधाओं और देखभाल संबंधी विषयों पर जागरूकता अभियान चलाया जाता है। इस साल विश्व स्वास्थ्य दिवस 2022 की थीम 'हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य है। इस साल की थीम का उद्देश्य हमारे ग्रह पर रहने वाले हर मनुष्य के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना है।

आज ग्रामीण क्षेत्र में चिकित्सकों का अभाव है। इसके चलते हर साल लाखों लोगों की समय पर इलाज न मिलने के कारण मौत हो जाती है। भारत में ग्रामीण स्वास्थ्य सुविधाओं को और भी मजबूत किए जाने की जरूरत है। इसके लिए प्राइवेट अस्पतालों की भी मदद दी जा सकती है। फेलिक्स अस्पताल सरकार के सभी स्वास्थ्य प्रोग्राम के बारे में लोगों को जागरूक करता है। अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत गरीब मरीजों का इलाज किया जाता हैI स्वास्थ्य दिवस को स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना ना सिर्फ मरीजों का दायित्व है। बल्कि डॉक्टरों को भी चाहिए कि वह हर रोगी को समय पर उसकी जानकारी दें। बीमारियों से बचाव के उपाय बताए, क्योंकि अगर लोग बीमारियों से बचे रहेंगे। तो सभी को समय पर इलाज मिलना संभव होगा। अभी मरीजों की संख्या अधिक और डॉक्टरों की संख्या कम होने के कारण मरीजों को जांच और इलाज के दौरान परेशानी का सामना करना पड़ता है।

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