गौतम बुद्ध नगर (अमन इंडिया)। गलगोटिया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग
एंड टेक्नोलॉजी ग्रेटर नॉएडा के एप्लाइड साइंस विभाग ने कॉलेज के निदेशक डॉ० बृजेश सिंह और एप्लाइड साइंस के एचओडी डॉ० राजेश त्रिपाठी के मार्गदर्शन में "विश्व पुनर्चक्रण" विषय पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया। वेबिनार में वक्ता के रूप में भारतीय प्रदूषण नियंत्रण संघ के संस्थापक आशीष जैन और बिसलेरी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड की मधुबाला शर्मा ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की वंदना और दीप प्रज्ज्वलन से हुई। कार्यक्रम समन्वयक डॉ० बिपिन कुमार श्रीवास्तव ने वक्ताओं, प्रतिभागियों और गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए वेबिनार की रूप रेखा बताई। मधुबाला शर्मा ने अपशिष्ट प्रबंधन विवरण और "पुनर्चक्रण के महत्व" पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश में प्रतिदिन 25,000 टन प्लास्टिक का उत्पादन किया जा रहा है। जिससे प्लास्टिक प्रदूषण की एक गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। उन्होंने कहा कचरे को केवल डंप ही नहीं करें बल्कि उसे अलग अलग करके पुनर्चक्रण के लिए भेजें। मानव होने के नाते हमें पानी, प्लास्टिक, कांच और कागज का सद उपयोग करना चाहिये। इसमें छात्रों की जिम्मेदारी और अधिक है क्योंकि वे हमारे देश का भविष्य हैं। कार्यक्रम में एक विडिओ के द्वारा दिखाया गया कि 2050 तक महासागरों में जलीय जीवों की तुलना में प्लास्टिक अधिक होगा। आशीष जैन ने कहा कि आप अपने कचरे को अलग अलग करके रखें और हमें सुचना दे बिसलेरी इंटरनेशनल लिमिटेड की टीम आपके दरवाजे से उन्हें इकट्ठा करने आएगी और रीसाइक्लिंग करेगी। इससे प्राकृतिक संसाधनों की मांग भी कम हो जाएगी और जीवन अधिक स्वच्छ हो जाएगा और वातावरण कम कूड़े वाला होगा। अंत में उन्होंने छात्रों को दो चीजें करने का सुझाव दिया कचरे को अलग करना और आसपास में कूड़े को ना फैलाना। इस वेबिनार के आयोजन में डॉ० मंजू कश्यप, डॉ० इंदु त्यागी और डॉ० अनुराधा साहा ने महत्पूर्ण भूमिका निभाई। एसोसिएट प्रोफेसर प्रतीक्षा भाटिया ने कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन दिया। इस दौरान स्वयंसेवकों में कार्तिकेय प्रताप सिंह, अंशिका निगम, इशिता सिंह, अभिषेक पांडे और अनुज प्रताप सिंह मौजूद रहे।