नई दिल्ली (अमन इंडिया)। दुनिया में कुष्ठ रोग के कुल नए मामलों में भारत का योगदान आधे से ज्यादा (60 प्रतिशत) है। यह स्थिति इसके बावजूद है, जब भारत को सन 2005 में ‘कुष्ठरोग मुक्त’ देश घोषित कर दिया गया था। रोटरी क्लब ऑफ साउथ दिल्ली (आरएसडीएस), लेप्रा यूके (भारत शाखा), एस्सेट केयर एवं रिकॉन्स्ट्रक्शन एंटरप्राईज़ लिमिटेड (एसीआरई) और पार्टनर रोटरी क्लब्स - रीजेंसी नैक्स्ट, नई दिल्ली, दिल्ली साउथ एंड के नेतृत्व में कुष्ठरोग नियंत्रण परियोजना के तहत मदर टेरेसा होम, लेप्रोसी कॉलोनी, तहीरपुर, दिल्ली में 100 ट्राईसाईकल्स और 30 चार पैरों के वॉकर वितरित किए गए तथा सोलर पैनल इंस्टॉल किए गए। कुष्ठरोगियों की पैलिएटिव केयर एवं पुनर्वास में मदद करने के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में डीडीजी डॉ. अनिल कुमार, एसएलओ डॉ. ऋतु चौधरी, पीडीजी दीपक कपूर, चेयरमैन, रोटरी क्लब अलायंस फॉर लेप्रोसी कंट्रोल, और श्री अनिल अग्रवाल, प्रेसिडेंट, रोटरी क्लब ऑफ साउथ दिल्ली मौजूद थे।
कोविड-19 की महामारी के कारण कुष्ठरोगियों के लिए अनेक चुनौतियां उत्पन्न हो गईं। समाज के इस सर्वाधिक उपेक्षित वर्ग लिए दवाओं की आपूर्ति में बाधा आई, अनेक रोगियों की आजीविका खत्म हो गई, उन्हें खाना और मेडिकल केयर मिलना बंद हो गया, तथा उनका जीवन और ज्यादा बदतर हो गया, जो कोविड से पहले भी बेहाल था। परिणामस्वरूप, उन्हें समय पर इलाज न मिल सका, जिससे उनकी स्थिति खराब हो गई। महामारी ने इस बीमारी के नियंत्रण के लिए की गई मेहनत को बेकार कर दिया और काम पर विराम लगा दिया।
पीडीजी दीपक कौर, चेयरमैन, रोटरी क्लब अलायंस फॉर लेप्रोसी कंट्रोल ने कहा, ‘‘कुष्ठरोग एक बढ़ने वाला रोग है, जो शारीरिक और भावनात्मक रूप से कमजोर कर देता है। यदि कुष्ठरोग का इलाज न किया जाए, तो यह शारीरिक विकृतियां उत्पन्न कर सकता है। कुष्ठरोगियों को अक्सर हर क्षण मेडिकल सपोर्ट की जरूरत होती है, इसलिए रोटरी क्लब ऑफ दिल्ली साउथ और पार्टनर रोटरी क्लब्स, लेप्रा एवं एसीआरई द्वारा मदर टेरेसा होम में किया जा रहा काम बहुत महत्वपूर्ण है। मदर टेरेसा होम दिल्ली में कुष्ठरोग के नियंत्रण, प्रबंधन और पुनर्वास में पथ प्रदर्शक है और कुष्ठरोग नियंत्रण परियोजना द्वारा दिए जा रहे सहयोग से संगठन की कुष्ठरोगियों, उनके परिवारों व समाज पर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करने की क्षमता बढ़ेगी।’’
श्री प्रदीप बहरी, सीईओ, रोटरी क्लब अलायंस फॉर लेप्रोसी कंट्रोल ने कहा, ‘‘कुष्ठरोगियों के मरीजों के साथ अक्सर भेदभाव होता है और इस बीमारी से जुड़े कलंक के कारण कई लोग इसका इलाज नहीं करवाते हैं। कुष्ठरोग के मामले में काफी भ्रांतियां फैली हुई हैं। एक भ्रांति है कि इस बीमारी का इलाज नहीं, जिसके कारण मरीज की स्थिति और दयनीय हो जाती है। सही जानकारी का लोगों तक पहुंचना बहुत जरूरी है, इसलिए हम अपनी जागरुकता की गतिविधियों और राहत कार्यों द्वारा लोगों को जागरुक बनाने का प्रयास करते रहेंगे।’’
श्री मोहम्मद शरीक मलिक, हेड, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी, एस्सेट्स केयर एंड रिकॉन्स्ट्रक्शन एंटरप्राईज़ लिमिटेड (एसीआरई) ने कहा, ‘‘नागरिकों के बीच शिक्षा व जानकारी की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं की अपर्याप्त उपलब्धता भारत में कुष्ठरोग नियंत्रण के मार्ग में आने वाली मुख्य बाधाओं में से एक है। हमने अपने कार्यों की रूपरेखा इस कमी को पूरा करने के लिए तैयार की है, ताकि एक दिन भारत देश कुष्ठरोग मुक्त बन सके।’’
कुष्ठरोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत, रोटरी क्लब ऑफ साउथ दिल्ली ने अपने पार्टनर्स के सहयोग से कुष्ठरोग कॉलोनियों में सोलर पैनल स्थापित किए, ताकि परिवारों को बिजली के खर्च से बचाया जा सके। इसके अलावा, विभिन्न कुष्ठरोग कॉलोनियों में 37 फिज़ियोथेरेपी शिविर आयोजित कर पैलिएटिव केयर, फिज़ियोथेरेपी, सेल्फ-एड किट्स और प्रोटेक्टिव/विशेष फुटवियर (जिसे एमसीआर फुटवियर कहते हैं और यह माईक्रोसेलुलर रबर का बना होता है) प्रदान किए गए। क्षमता निर्माण के लिए 6 प्रशिक्षण शिविर लगाए गए। पूरे साल दिल्ली में अनेक जानकारी शिक्षा एवं संचार सत्र चलाए गए और जनवरी, 2022 से इस मामले में हमारे प्रयासों को बढ़ाया गया। महामारी के बीच 2020 में पूरे साल तथा पिछले साल अगस्त से 2 कुष्ठरोग कॉलोनियों में लंच का सहयोग दिया गया, और रोटरी ने 2021 और 2022 में विभिन्न कुष्ठरोग कॉलोनियों में परिवारों को कंबल वितरित किए।