दिल्ली वक्फ बोर्ड द्वारा बनाई गई दरगाह शाह ए मर्दा मैनेजिंग कमेटी हेतु ब्रह्मपुरी में एक इस्तक़बालिया प्रोग्राम का आयोजन


पूर्वी दिल्ली स्थित ब्रह्मपुरी में मोमिनों के अपार जनसमूह ने किया मैनेजिंग कमिटी दरगाह शाह ए मर्दा का इस्तकबाल


दिल्ली (अमन इंडिया)। दिल्ली वक्फ बोर्ड द्वारा बनाई गई दरगाह शाह ए मर्दा मैनेजिंग कमेटी हेतु ब्रह्मपुरी में एक इस्तक़बालिया प्रोग्राम का आयोजन


किया गया जिसमें ब्रह्मपुरी, सॉखनी , सीलमपुर, नौगांवा एवं नोएडा आदि के सैकड़ों मोमिनों ने एकजुट होकर मैनेजिंग कमेटी का इस्तकबाल किया और फूल मालाएं डालकर मैनेजिंग कमेटी के सदर एस ए आर ज़ैदी संग सभी पदाधिकारी व मेंबरों का स्वागत किया। मैनेजिंग कमेटी के जनरल सेक्रेटरी सरफराज हुसैन से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में वक्फ बोर्ड द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया था जिसको अंजुमन ए हैदरी के जनरल सेक्रेटरी बहादुर अब्बास से चार्ज लेना था। परंतु वक्फ बोर्ड व मैनेजिंग कमेटी द्वारा बार-बार कहने के बावजूद भी बहादुर अब्बास चार्ज नहीं दे रहे थे जिसकी जानकारी मैनेजिंग कमेटी द्वारा वक्फ बोर्ड को दी गई जिस पर गौर करते हुए वक्फ बोर्ड ने कमेटी को लीगल तौर पर चार्ज लेने के लिए सारी कार्यवाही की और बहादुर एंड कंपनी को हटाकर मैनेजिंग कमेटी दरगाह शाह मर्दा का लीगल तौर पर गठन वर्ष 2022 में कर दिया। और बहादुर एंड कंपनी को लीगल नोटिस देकर एक महीने के अंदर न्यू मैनेजिंग कमेटी को चार्ज देने के लिए कहा ।और साथ ही साथ कहा गया कि अगर आपको कोई आपत्ति है तो आप ट्रिब्युनल जा सकते हैं ।वक्फ बोर्ड की इस कार्रवाई के विरुद्ध बहादुर एंड कंपनी खुद कोर्ट नहीं गई और शिया वक्फ बोर्ड की मेंबर नईमा फातिमा को वक्फ बोर्ड के फैसले के खिलाफ खड़ा कर दिया। नईम फातिमा ने कोर्ट में पहले से ही चल रहे पुराने मुकदमे में नई अर्जी लगाई कि 5 जनवरी 2022 को वक्फ बोर्ड द्वारा जो भी फैसले लिए गए हैं ,जैसे मेनेजिंग कमेटी का गठन और नई कमेटी को 19 फरवरी 2022 को चार्ज देने का निर्णय लिया गया है। उस पर तत्काल स्टे दिया जाए। उनकी इस अर्जी को कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया और उन्हें स्टे नहीं दिया और पुराने चल रहे मुकदमे में अगली तारीख २२ मार्च नियत की गई है । कोर्ट के इस फैसले का शिया समुदाय के लोगों ने सम्मान किया और न्यू मैनेजिंग कमेटी का जगह-जगह इस्तकबालिया प्रोग्राम रख कर खुशी का इजहार किया ।इसी कड़ी में एक आयोजन ब्रह्मपुरी में भी किया गया। ब्रह्मपुरी में इस्तकबालिया प्रोग्राम के दौरान मैनेजिंग कमेटी के जनरल सेक्रेटरी सरफराज हुसैन के कहा कि यह माले इमाम हुसैन खाने वाले और माले इमाम हुसैन बचाने वालों के बीच की लड़ाई है। इसमें आवाम को साथ आना चाहिए और सच और झूठ का फैसला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहादुर एंड कंपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल कर आवाम को झूठी बातें बताते हैं जिसमें अब वह चौतरफा घिरते नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा किसी को भी माले इमाम खाने नहीं दिया जाएगा और जिसने भी माले इमाम खाया है वो भी उसके हलक के अंदर हाथ डाल कर निकाल लिया जाएगा। यह माले इमाम हुसैन है किसी की जागीर नहीं जो कोई खा जाएगा। उन्होंने कहा कि लगभग 200 करोड़ रुपए के आस पास का हिसाब बहादुर एंड कंपनी को देना होगा। ऐसा नहीं चलेगा जैसे उन्होंने पहले किया कि 7 करोड रुपए आए और 6 करोड़ 90 लाख रुपए खर्च दिखा दिया। उनको यह बताना होगा कि 6 करोड़ 90 लाख रुपए कहां खर्च हुए और 200 करोड़ रुपए के आसपास का जो उनके ऊपर हिसाब निकल रहा है उसका भी उनको जवाब देना पड़ेगा। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने आवाम से कहा कि आप बहादुर एंड कंपनी द्वारा सोशल मीडिया पर दिखाई गई वीडियो के चक्कर में ना पड़े ,यह किसी को भी गद्दरे इमाम हुसैन से नवाज सकता है। इसके कहने से कोई भी ग़द्दारे इमाम हुसैन नहीं हो जाता। हमारा मकसद दरगाह को नुकसान पहुंचाना नहीं है। हमारा मकसद दरगाह में चार चांद लगाना है।