एडेलगिव फाउंडेशन के ग्रो फंड ने अनुदान प्राप्त करने वाली 100 एनजीओ के समूह की घोषणा की



• अपनी तरह के पहले अभियान में, ग्रो फंड 100 एनजीओ के क्षमता निर्माण एवं उनका भविष्य प्रशस्त करने के लिए दो सालों में 100 करोड़ रु. तक का निवेश करेगा।


• पूरे भारत से चुने गए ये एनजीओ एडवोकेसी, शासन एवं अनुसंधान, जलवायु, पारिस्थितिकी एवं पशु कल्याण, सामुदायिक विकास, कला व संस्कृति एवं खेल, दिव्यांगों, शिक्षा, लैंगिक अधिकार एवं समानता, स्वास्थ्य व स्वच्छता, आजीविका एवं गरीबी के क्षेत्र में काम करते हैं

 

नई दिल्ली (अमन इंडिया)। अपनी तरह की एक अलग पहल में देश में महत्वपूर्ण सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए ठोस काम कर रहे 100 एनजीओ को ग्रो फंड से अनुदान प्राप्त करने के लिए चुना गया है। इस फंड का नेतृत्व कई प्रतिष्ठित भागीदारों के साथ एडेलगिव फाउंडेशन कर रहा है। 100 एनजीओ के समूह में चुनी गई हर एनजीओ को दो सालों की अवधि तक 80 लाख रु. दिए जाएंगे, ताकि वो अपनी क्षमताओं, दृढ़ता का निर्माण कर भविष्य के लिए तैयारी कर सकें। 2300 संगठनों से हुए पंजीकरण के साथ, इन एनजीओ को मेंटरिंग, नेटवर्किंग एवं लीडरशिप के निर्माण में मदद दी जाएगी। इससे संगठन कोविड-19 के चलते उत्पन्न हुई चुनौतियों से उबर सकेंगे और महत्वपूर्ण लागत वहन कर अपने काम आगे बढ़ा सकेंगे तथा भविष्य में लंबे समय तक स्वस्थ व स्थायी रूप से काम करने के लिए तैयार हो सकेंगे। 


ये 100 एनजीओ भारत के 20 राज्यों से चुने गए हैं और ये 9 प्रमुख क्षेत्रों में काम करते हैं - एडवोकेसी, शासन एवं अनुसंधान, जलवायु, पारिस्थितिकी एवं पशु कल्याण, सामुदायिक विकास, कला व संस्कृति एवं खेल, दिव्यांगों, शिक्षा, लैंगिक अधिकार एवं समानता, स्वास्थ्य व स्वच्छता, आजीविका एवं गरीबी।


कोविड-19 फैलने के बाद से दुनिया में पहली बार जमीनी स्तर पर भारत के भिन्न-भिन्न समुदायों को सेवाएं देने वाले संगठनों के सामने अपना अस्तित्व बचाए रखने व वृद्धि करने के मामले में अनेक समस्याएं आईं और घटते फंड के साथ वो मजबूरन बंद होने के कगार पर आ गए। ग्रो फंड एक अद्वितीय वित्तीय अभियान है, जिसका लक्ष्य संगठनों के विकास की जरूरत को संबोधित कर उनकी दृढ़ वृद्धि और प्रशस्त भविष्य के लिए एक अनुकूल परिवेश का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध होकर ग्रो को नई परिभाषा देना है।


ग्रो को ज्यादा समावेशी बनाने एवं छोटे व मध्यम आकार के एनजीओ को ज्यादा आसानी से उपलब्ध कराने के अपने मिशन के लिए ग्रो फंड को भारतीय एवं अंतर्राष्ट्रीय फंड प्रदाताओं से काफी सराहना एवं संसाधन मिले हैं। इन प्रदाताओं में परोपकारी संस्थान एवं प्रतिष्ठित परोपकारी शामिल हैं, जो व्यक्तिगत रूप से दान देने के लिए प्रख्यात हैं। इस फंड के मुख्य प्रदाताओं में एडेलवीस ग्रुप के साथ बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन, मनन ट्रस्ट, रोहिणी निलेकानी फिलांथ्रोपीज़, मैकऑर्थर फाउंडेशन, ए.टी.ई. चंद्रा फाउंडेशन, रेनमैटर फाउंडेशन, दलयान फाउंडेशन, ओक फाउंडेशन, एक निजी परोपकारी साझेदार, इंडस फाउंडेशन ऑफ यूटा, ओमिद्यार नेटवर्क इंडिया एवं आशीष कचोलिया शामिल हैं। इसके अलावा प्रतिष्ठित व्यवसायी एवं परिवर्तन के दूत, जैसे संजय पुरोहित, रति फ़ोर्ब्स, बिखचंदानी फैमिली, हेलेंका एवं सुनील आनंद, ऑनवार्ड फाउंडेशन एवं गोविंद अईयर ने भी ग्रो फंड में सहयोग दिया है। 


समूह की घोषणा के बारे में विद्या शाह, एक्ज़िक्यूटिव चेयरपर्सन, एडेलगिव फाउंडेशन ने कहा, ‘‘ग्रो फंड से राशि पाने वाले समूह में जमीनी स्तर पर काम करने वाले संगठन हैं, जो देश के 20 भिन्न-भिन्न राज्यों में गरीबी, स्वास्थ्य व स्वच्छता, लैंगिक अधिकार, शिक्षा, जलवायु, पशु कल्याण एवं शासन जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में वंचित समुदायों के बीच रहकर निरंतर काम कर रहे हैं। धनराशि का सहयोग दिए जाने के अलावा, इन चयनित एनजीओ को टेक्नॉलॉजी, फाईनेंस, मानव संसाधन, फंडरेज़िंग, एवं कम्युनिकेशन आदि पर प्रशिक्षण व सत्र भी दिए जाएंगे। ऑर्गेनाईज़ेशनल डेवलपमेंट असेसमेंट टूल, 12 से 14 महीनों के विशेषज्ञ कार्यक्रम एवं ग्रो हब नॉलेज डिसेमिनेशन प्लेटफॉर्म का लाभ भी उन्हें मिलेगा। हम परिवर्तन के इन दूतों को कोविड-19 के कारण उत्पन्न चुनौतियों से उबरने और जमीनी स्तर पर ज्यादा प्रभावशाली काम करने में समर्थ बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।


ग्रो फंड के उद्देश्य के बारे में नगमा मुल्ला, सीईओ, एडेलगिव फाउंडेशन ने बताया, ‘‘हमारा विश्वास है कि वंचित समुदायों के उत्थान के लिए काम कर रहे जमीनी संगठन जमीनी स्तर पर विभिन्न समस्याओं के स्थायी समाधानों का विकास करने के लिए सबसे ज्यादा प्रभावशाली होते हैं। ग्रो फंड द्वारा हमारा उद्देश्य एक सहयोगपूर्ण लोकोपकार प्रस्तुत करना तथा भारत की एनजीओ की मदद कर उन्हें मजबूत बनाना है। हमें फंड देने वाली संस्थाओं और परोपकारियों के उदार सहयोग के बूते मौजूदा अनुदान 100 चयनित एनजीओ के लिए काफी मददगार होगा और भविष्य में इस तरह के अन्य सहयोगों के द्वार खोलेगा।’’


100 चयनित एनजीओ को एक ओपन एवं पारदर्शी ऑनलाईन आवेदन प्रक्रिया द्वारा चुना गया। हर आवेदन का मूल्यांकन क्वालिटेटिव एवं क्वांटिटेटिव जानकारी के आधार पर फाईनेंशल स्ट्रेंथ, फंडरेज़िंग की क्षमता, विस्तार, फंडिंग के मामले में प्रभाव व महत्वपूर्ण कमियों आदि मानकों पर किया गया। भारत के सभी हिस्सों से एक समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए इस समूह में विभिन्न क्षेत्रों जैसे जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, दिल्ली, नागालैंड, असम, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना के एनजीओ शामिल हैं।