मस्तिष्क में रक्त संचरण में कोई परेशानी आने की वजह से ब्रेन स्ट्रोक की संभावना ज्यादा : डॉ सोनिया



मस्तिष्क में रक्त संचरण में कोई परेशानी आने की वजह से ब्रेन स्ट्रोक की बीमारी होती है – डॉ सोनिया लाल गुप्ता

नोएडा (अमन इंडिया)। खराब दिनचर्या, गलत खानपान और तनाव के चलते कई बीमारियां दस्तक देती हैं। इनमें मोटापा, मधुमेह और उच्च रक्तचाप शामिल हैं।गलत आदत की वजह से स्ट्रोक का तेजी से बढ़ रहा है। समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो यह जानलेवा साबित हो सकता है यह बातें मेट्रो अस्पताल के डॉक्टर ने विश्व स्ट्रोक दिवस पर कही।

मेट्रो अस्पताल में सीनियर कंसलटेंट न्यूरोलॉजिस्ट (हैडक एंड स्ट्रोक स्पेशलिस्ट) व मेट्रो ग्रुप ऑफ अस्पताल की निदेशक डॉ सोनिया लाल गुप्ता ने बताया कि मस्तिष्क में रक्त संचरण में कोई परेशानी आने की वजह से ब्रेन स्ट्रोक की बीमारी होती है। कई मौके पर रक्त वाहिकाएं ब्लॉक हो जाती हैं। इससे दिमाग को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलती है। मस्तिष्क के उत्तकों में पोषण तत्वों की कमी होने लगती है। अगर समय पर उपचार नहीं किया जाता है, तो मरीज की जान भी जा सकती है। स्ट्रोक ऐसी ही एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जिसका खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। ब्रेन स्ट्रोक के ज्यादातर शिकार लोगों की आयु कम होती है। अगर जीवनशैली की कुछ आदतों में समय रहते सुधार कर लिया जाए तो ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसलिए 29 अक्टूबर को विश्व स्ट्रोक दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य स्ट्रोक के बारे में जागरूकता फैलाना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, वर्ष 2050 तक दुनिया भर में होने वाले स्ट्रोक के 80 फीसदी मामले निम्न और मध्यम आय वाले भारत जैसे देशों से आएंगे। वहीं सीनियर कंसलटेंट न्यूरोलॉजिस्ट एंड क्लीनिकल कॉर्डिनेटर मेट्रो सेंटर न्यूरोसाइंस डॉ कपिल के सिंघल ने बताया कि स्ट्रोक किसी भी उम्र में हो सकता है और यह पुरुषों तथा महिलाओं को समान रूप से प्रभावित करता है। धूम्रपान सहित कई अन्य प्रकार के तंबाकू उत्पादों का सेवन करना हृदय या फेफड़ों की बीमारियों के साथ ब्रेन स्ट्रोक का भी खतरा बढ़ा सकता है। तंबाकू उत्पादों के सेवन को बंद करके स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है। इसके अलावा अत्यधिक शराब पीने वालों को भी स्ट्रोक का खतरा होता है।कंसल्टेंट न्यूरो स्पाइन सर्जन डॉ आकाश मिश्रा ने बताया कि वर्कआउट न करने के चलते न केवल वजन बढ़ने लगता है, बल्कि कई अन्य बीमारियां भी दस्तक देती हैं। इससे स्ट्रोक का खतरा भी बने लगता है। सेहतमंद रहने के लिए रोजाना वर्कआउट जरूर करें।व्यायाम करने से हृदय गति बढ़ती है, पसीना आता है और वजन घटता है। फिट और सक्रिय रहने में मदद मिलती है। उधर सीनियर कंसलटेंट न्यूरो एंड स्पाइन सर्जन ने बताया कि स्ट्रोक के कई लक्षण हैं इन्हें भूलकर भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इन्हें पहचान सही समय पर डॉक्टर के पास जाना चाहिए, ताकि समय रहते इलाज किया जा सके। बातों को समझने में परेशानी, बातों को बोलने में परेशानी, चक्कर आना, दिमाग का संतुलन खोना, एक या फिर दोनों आंखों से दिखाई न देना, आंखों के आगे धुंधला पन छाना और शरीर के दोनों तरफ, हाथों पर या पैरों का सुन्न होना हैं स्ट्रोक के लक्षण होते हैं।

स्ट्रोक के लक्षण :

-गंभीर सिरदर्द

-शरीर के एक तरफ कमजोरी या सुन्नता

-अप्रत्याशित चक्कर आना या संतुलन खोना

-एक या दोनों आंखों में असामान्य धुंधलापन

-बोलने में या समझने-समझाने में समस्या

स्ट्रोक से बचाव के उपाय:

-कोई भी काम में तनाव नहीं लें, नींद पूरी करें।

-25 साल के बाद अपना मेडिकल जांच नियमित रूप से कराएं।

-शराब और सिगरेट हमेशा के लिए छोड़ दें, यह आपके सेहत को नुकसान पहुंचाता है।

-सबसे पहले आप अपने लाइफ स्टाइल को बदले। गलत लाइफ स्टाइल की वजह से यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है।

-दिनचर्या में नियमित तौर पर योग, शारीरिक श्रम या मेडिटेशन को शामिल करें। इससे शरीर व दिमाग दोनों शांत रहता है।

-अगर आप ब्रेन स्ट्रोक की दवा खाते हैं तो उसे नियमित समय पर ही खाएं। अन्य बीमारी की वजह से इसे आप ड्रॉप नहीं करें।