समाजसेवी अशोक श्रीवास्तव एवं रंजन तोमर ने छात्रों को दिए गांधीगिरी के मन्त्र

 गांधीजी के  विचारों पर एमिटी द्वारा वेबिनार आयोजित 

समाजसेवी अशोक श्रीवास्तव एवं रंजन तोमर ने छात्रों को दिए गांधीगिरी के मन्त्र 


नोयडा (अमन इंडिया)। एमिटी विश्वविद्यालय द्वारा एक वेबिनार का आयोजन किया गया जिसमें एल एल एम  के छात्रों के लिए 'अहिंसा के माध्यम से गांधीवादी दृष्टिकोण का अनुकूलन ' विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।  इस दौरान मुख्य वक्ता के रूप में श्री अशोक श्रीवास्तव , संस्थापक नवरतन फाउंडेशन एवं श्री रंजन तोमर , आरटीआई एक्टिविस्ट एवं नोवरा अध्यक्ष ने छात्रों के सामने अपनी बात रखी। 


 अशोक श्रीवास्तव ने छात्रों को अहिंसा के मार्ग को समझने और उसपर चलने के लिए निरंतर प्रयास करने की बात कही , उन्होंने अपने जीवन से उदाहरण लेते हुए विवेक , धैर्य और अहिंसा का जीवन में उपयोगिता की जानकारी छात्रों को दी , साथ ही कैसे वह नवरतन फाउंडेशन के माध्यम से  महिला सशकितकरण द्वारा गांधीजी के भारत के निर्माण में योगदान दे रहे हैं इसपर भी बात रखी , उन्होंने छात्रों को एक्टिव इन जी ओ नामक संस्थाओं के समूह की भी जानकारी दी जिसमें श्री अशोक श्रीवास्तव एवं रंजन तोमर द्वारा साठ से ज़्यादा सामाजिक संगठनों को एक साथ जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।  


नोवरा अध्यक्ष  रंजन तोमर ने छात्रों को बताया के वह स्वयं इस समय एमिटी विश्विद्यालय के पीएचडी के छात्र हैं एवं पॉवरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से उन्हें समझाया के कैसे गांधीजी के विचार , अहिंसा और सत्य द्वारा उनके द्वारा दिखाए गए रास्ते आज भी कारगर हैं चाहे वह राज्य ,राष्ट्र या अंतररास्ट्रीय स्तर पर हों। इसके आलावा कैसे नोवरा के माध्यम से उन्होंने गांधीजी के भारत के लिए प्रयास किये हैं , जैसे स्वराज की लड़ाई  , सफाई ,सार्वजानिक शौचालयों की लड़ाई , ग्रामीण अधिकारों की लड़ाई , जानवरों के लिए आरटीआई के माध्यम से उनकी स्वयं की लड़ाई हो यह सब गांधीजी के दिखाए रास्ते से ही संभव हो पाया है।  

इस दौरान कार्यक्रम के आयोजक प्रोफेसर डॉक्टर अरुण उपाध्याय एवं प्रोफेसर डॉक्टर अंकिता मैडम उपस्थित रहे , इसके बाद छात्रों ने दोनों ही वक्ताओं से कई सवाल किये जिससे उनकी जिजीविषा शांत हुई।