तेरी मिट्टी में मिल जावाँ ये ही है आरजू : अंजना भागी
नोएडा(अमन इंडिया)। भारत की सीमाएं सुरक्षित नहीं है पाकिस्तान समर्थित आतंकी सीमाओं में प्रवेश करता है सुरखा बलों के साथ उनके संघर्ष निरंतर होते रहते हैं तिरंगे में लिपटा शव किसी वीर सैनिक का आता है अपार भीड़ श्रधान्जली देने के लिए इकठ्ठी होती है पाकिस्तान की सीमाओं पर, घाटी में घुसे आतंकियों से अक्सर सुरक्षा बलों की झड़पें होती रहती है बंदे मातरम का जयघोष करते हुए जवान उन्हें मारते हैं कुछ उनसे लड़ते हुए शहादत देते हैं जब शहीदों का शव उनके गावं या शहर में आता है हजारों लोग बन्देमातरम के जय घोष के साथ उनकी अंतिम यात्रा में भाग लेते हैं | गलवन घाटी में चीन एवं भारतीय सैनिकों के बीच झडप हुई दोनों देशों की सेनाओं के बीच तीन घंटे तक पत्थरबाजी और लाठी-डंडे चले लेकिन एक भी गोली नहीं चली शहीद और घायल हुए सैनिक बिहारी रेंजीमेंट के हैं। तेलंगाना निवासी शहीद कर्नल संतोष बाबू भारतीय टुकड़ी का नेतृत्व कर रहे थे उन पर जब हमला कर उन्हें घायल किया वह शहीद हो गये भारतीय जवान सहन नहीं कर सके उन्होने वन्देमातरम के नारे के साथ तैयारी से आये चीनी सैनिकों का जमकर मुकाबला किया हमारे 20 जवान शहीद हुए और घायल भी हुए लेकिन अपने नायक का ऐसा बदल लिया कि चीन का रक्षा विभाग भूल नहीं सकता चीन ने अपने मारे गए सैनिकों की संख्या को लेकर अब भी चुप्पी साध ली है ।
सात अगस्त 1905 बंगाल के विभाजन के लिए जुटी भीड़ में किसी ने वन्देमातरम का नारा लगाया था सैंकड़ों की भीड़ ने नारे को दोहराया आकाश में नारे की गूंज ने जन समूह के रोम-रोम को रोमांचित कर दिया था । अब वन्देमातरम का नारा बना और बंकिम चन्द्र द्वारा रचित गीत को दिसम्बर 1905 में कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में राष्ट्रीय गीत का दर्जा प्रदान किया गया | बन्देमातरम का जयघोष करते आजादी के मतवालों का जलूस निकलता अंग्रेजी साम्राज्य की लाठियाँ उन्हें लहूँ लुहान कर के जमीन पर बिछा देती
फिर भी सामूहिक रूप से भारत माता की जय के लिए हाथ उठते । यह वह जयघोष है जिसको लगाते-लगाते क्रान्ति कारी फांसी के तख्ते पर हंसते-हंसते झूल गये । यहीं करो या मरो के नारे के साथ भारत माता की जय के नाम पर विशाल जन समूह ने जेल भर दिए | 15 अगस्त उन महान बलिदानियों को याद करने का दिन है यहीं से त्याग और बलिदान का सिलसिला शुरू हुआ था अंत में देश आजाद हुआ लाल किले पर तिरंगा फहराया गया । चीन ने 1962 को देश पर हमला किया था पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाईयां लड़ी । करगिल की लड़ाई लड़ी गयी शहीदों की अर्थी के पीछे भी भारत माँ पर शहादत देने वालों के लिए भारत माता का जयघोष वन्देमातरम पूरे देश में गूँजता रहा । कुछ लोगों ने हाथ नहीं भी उठाया वन्देमातरम को । इन विरोधों का जबाब संगीतकार रहमान नें नई दिल्ली में विजय चौक पर भारत की आजादी की स्वर्ण जयंती की पूर्व संध्या में दर्शकों की भारी भीड़ के सामने गीत अम्मा तुझे सलाम गा कर दिया ऐसा लगा उनके दिल की आवाज कंठ से निकलती हुयी जन-जन की आत्मा में उतर रही है माँ तुझे सलाम, अम्मा तुझे सलाम वन्देमातरम | आज भी आवाज गूंजती है |
भारत माता का असली रूप हैं 135 करोड़ हाथ जो एक साथ भारत माता की जय में उठते हैं सेक्टर 11 आर.डब्लू.ऐ द्वारा आज़ादी का अमृत उत्सव यानी हमारे देश की आजादी का 75 वां साल सेक्टर के वे सभी सम्मानित
नागरिक जोकि 15 अगस्त 2021 को 75 साल के पुरे हो गये हैं को सम्मानित कर मनाया गया. क्योंकि ये ही वो पूर्व युवा हैं जिन्होंने भारतमाता को पराधीन भी देखा यानि वन्देमातरम के नारे के साथ फांसी को गले लगाने वालों के साथ ही वन्देमातरम का विरोध करने वालों को भी जिया है . इन्होने भारत को एक गरीब देश जिया है जब लाल सफेद गेहूं भी पेट भरने को विदेशों से आती थी इन्होने ही देश में हरित और श्वेत क्रान्ति भी देखी है ये वे अमृत कलश हैं जिनमें अनुभवों का अमृत लबालब भर है ये अधिक समझते हैं की आज भी देश के सामने अनेक समस्याए है आतंकवाद, महंगाई, अपनी मांगे मनवाने के लिए दिल्ली की महत्वपूर्ण सड़कों को घेर लेना, सीएए के विरोध में . किसानों की समस्याओं से दिल्ली बार्डर घिरा होना जो समस्याएं वार्ता से सुलझाई जा सकती है . उनका और उलझाना, बेरोजगारी, महिला सुरक्षा, मानसून सेशन ठप्प रहना, संसद टैक्स पेयर के पैसे से चलती है संसद में जनता के मुद्दे उठाने चाहिए,
बढती जनसंख्या धरती का बोझ वहन करने में असमर्थ है बदलते मौसम, पर्यावरण कि समसयाएं हमें इनका सम्मान करना चाहिए इन्हें सहेजेंगे तभी परिवार उन्नति करेंगे । परिवार समृद्ध होगा तो देश आगे बढ़ेगा । हर वर्ष ही अमृत उत्सव होगा