एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पीटल्स ने अपने अब तक के पहले एवैस्कुलर नेक्रोसिस मरीज में सफलतापूर्वक चार जोड़ों का उपचार किया


 


नई दिल्ली(अमन इंडिया)। एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पीटल्स द्वारका बहुसुविज्ञता वाला एक अस्पताल है। हाल में यहां 23 साल के ऐसे मरीज का उपचार हुआ जो कोविड से ठीक हुआ था पर एवैस्कुलर नेक्रोसिस (हड्डी के ऊतकों की मृत्यु / death of bone tissues) से पीड़ित था। महामारी के दौरान एवीएन के मामले बढ़ रहे थे और एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पीटल्स ने एक महीने में छह मरीजों का सफल इलाज किया। यह मामला चिकित्सकों की टीम के लिए पहला था। मरीज जब अस्पताल आई थी तो उसकी हालत काफी जटिल थी क्योंकि उसे चार जोड़ों – दोनों घुटनों और कुल्हों में एवीएन हो चुका था। जब उसका उपचार शुरू हुआ तब वह चल फिर नहीं सकती थी। 

कोविड से ठीक होने के बाद पहली बार उसे तीन हफ्ते पर दाएं कुल्हे में हल्का दर्द हुआ। शुरू में उसे लगा कि यह कोविड के बाद की ही कोई परेशानी है। हालांकि, उसकी स्थिति खराब होती गई और वह दाएं पैर पर भार देने में अक्षम हो गई। और दर्द धीरे-धीरे बाएं कुल्हे की ओर बढ़ गया। इसके बाद बाएं और दाएं घुटने में भी दर्द रहने लगा।    

एचसीएमसीटी मणिपाल हॉस्पीटल्स में डॉ. राजीव वर्मा, एचओडी, ऑर्थोपेडिक्स एंड ज्वायंट रीप्लेसमेंट से संपर्क करने पर मरीज का एमआरआई और रेडियोग्राफ करवाया गया। इसके बाद यह पता चला कि उसे कुल्हे के दो जोड़ और घुटनों में एवैस्कुलर नेक्रोसिस था। इसके लिए उसे कोर डीकॉमप्रेशन सर्जरी कराने की सलाह दी गई।   

एवैस्कुलर नेक्रोसिस (एवीएन) एक ऐसी स्थिति है जिसमें खून की सप्लाई बंद होने से हड्डियों के उत्तकों की हड्डियों मृत्यु हो जाती है। इसका मुख्य कारण कोविड-19 से संबंधित निमोनिया के इलाज के लिए स्टेरॉयड की ज्यादा खुराक लेना है। कई अध्ययनों से पता चलता है कि कोविड-19 के परिणामस्वरूप हाइपरकोएगुलेबिलिटी हो सकती है। यह एक ऐसी स्थिति है जो एवीएन के विकसित होने के लिए स्वतंत्र जोखिम घटक हो सकता है। इस मामले में कोविड-19 से ठीक होने के कुछ सप्ताह बाद मरीज को जोड़ों में दर्द होता है खासतौर से कुल्हों और घुटनों में। कुछ समय के बाद इस दर्द के कारण शारीरिक गतिविधियां बाधित हो सकती हैं। इसका सीधा संबंध हड्डी के खराब होते स्वास्थ्य से होता है। शरीरी को फिर से सक्रिय बनाने के उपचार के लिए आक्रामक प्रक्रियाओं की आवश्यकता हो सकती है। 

सर्जरी की चर्चा करते हुए डॉ. राजीव वर्मा, एचओडी, ऑर्थोपेडिक्स एंड ज्वायंट रीप्लेसमेंट ने कहा, “मरीज हमारे पास खराब स्थिति में आई थी क्योंकि उसके दोनों कुल्हों और घुटनों में सूजन के साथ दर्द था तथा वह चल-फिर नहीं सकती थी। तीन घंटे चली सर्जरी के बाद हम ऑपरेशन के तुरंत बाद की प्रतिक्रिया से संतुष्ट थे क्योंकि मरीज ने लक्षणों में काफी राहत की रिपोर्ट की। हमें यह एलान करते हुए खुशी हो रही है कि मरीज अच्छा कर रही है और अपेक्षित गति से ठीक हो रही है। हमारी इस प्रक्रिया की सफलता का श्रेय उच्च स्तर की संरचना और दर्द से लड़ने के मरीज के दृढ़ निश्चय को जाता है।”

 मणिपाल हॉस्पीटल्स के बारे में: हेल्थकेयर के क्षेत्र की एक अग्रणी संस्था के रूप में मणिपाल हॉस्पीटल्स भारत में अस्पतालों का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है, जो हर साल 4 मिलियन से ज्यादा रोगियों को सेवाएं प्रदान करता है। भारत में कोलंबिया एशिया हॉस्पीटल्स के 100% स्टेक का अधिग्रहण करके एकीकृत संस्थान ने आज देश भर में अपनी पहुंच बना ली है। देश के 14 शहरों में इसके 26 अस्पताल हैं,  जहां 7000 से ज्यादा मरीज रह सकते हैं। इनके लिए यहां 4000 से ज्यादा चिकित्सक और 10,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं। इसका फोकस एक किफायती, उच्च गुणवत्ता वाला हेल्थकेयर संरचना का विकास करने पर है और यह सब इसके मल्टी स्पेशियलिटी तथा टर्टियरी केयर डिलीवरी स्पेक्ट्रम   के जरिए किया जाएगा और इसका विस्तार अस्पताल के बाहर की देखरेख तक किया जाएगा। मणिपाल हॉस्पीटल्स दुनिया भर के रोगियों को सम्पूर्ण उपचारात्मक और निवारक देखभाल सेवाएं प्रदान करता है।