*कोरोना महामारी ने यूपी में खस्ताहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी :
लखनऊ। आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सभाजीत सिंह ने कहा कि अस्पतालों में रोज ऑक्सीजन के बिना दम तोड़ते मरीज, जीवनरक्षक दवाओं के लिए भटकते लोग और अब तो अपनों के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान-कब्रिस्तान में लाइनों में लगने को अभिशप्त परिजन सिर्फ भगवान भरोसे हैं। यहां सरकार से कोई उम्मीद रखना बेमानी साबित हो रहा है। बीजेपी ने देश की जनता को इतना आत्मनिर्भर बना दिया है कि कोरोना संक्रमण काल में लोग अब सिर्फ ईश्वर पर निर्भर होकर रह गए हैं।
सभाजीत सिंह ने कहाकि कोरोना महामारी ने यूपी में खस्ताहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। यहां एक ओर एम्बुलेंस के लिए तरसते मरीज हैं तो वहीं दूसरी ओर टूटती सांसों के लिए ऑक्सीजन पा लेना भी किसी जंग जीतने से कम नहीं है। सरकारी अस्पतालों में बेड मिलना तो मुश्किल है ही, होम आइसोलेशन में पड़े मरीजों की सुध लेने वाला भी कोई नहीं है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहाकि कोरोना महामारी की बड़ी लड़ाई से मुकाबले के लिए यूपी के खस्ताहाल अस्पताल बिल्कुल तैयार नहीं हैं। यूपी की बीजेपी सरकार की कुव्यवस्था, लापरवाही और नाकामियों के कारण कोरोना के मरीज असहाय और लाचार हैं, लगातार लोग दम तोड़ रहे हैं और परिजन अपनी आंखों के सामने ही अपनों को खोने के लिए मजबूर हैं।
सभाजीत सिंह ने कहाकि योगी सरकार के निकम्मेपन का परिणाम ही है कि इलाज के लिए गिड़गिड़ाते मरीजों और बेबस लोगों की जिंदगी अब पूरी तरह सिर्फ भगवान की कृपा पर निर्भर है। हां, यूपी की बीजेपी की सरकार ने अगर कुछ किया है तो सिर्फ अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए और जलती चिताओं के आंकड़े छुपाने के लिए श्मशान घाट को लोहे की चादरों से ढकने की कोशिश जरूर की है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहाकि योगी सरकार के सनक भरे फरमानों ने भी कइयों की जान ले ली, जिनमें मरीजों से कहा गया कि अस्पताल में भर्ती होना है तो सीएमओ का सिफारिशी पत्र ले आओ। ऐसे में मरीज बेड और ऑक्सीजन के लिए सड़कों पर तड़पने- चिल्लाने को विवश होने लगे तो योगी सरकार का धमकी भरा सरकारी ऑर्डर भी आ गया कि अगर किसी ने ऑक्सीजन और बेड की कमी के बारे में गुहार लगाई तो उसकी संपत्ति जब्त करके उसपर मुकदमा दर्ज कर देंगे। सबको पता है कि ये सब सरकारी अव्यवस्था की पोल खुलने के डर से ही किया गया। जाहिर है, यूपी में किसी भी कोरोना मरीज की जान बच पाना अब सरकारी अस्पतालों के इलाज नहीं, बल्कि ईश्वर पर ही निर्भर है।