अम्मा यदि आप कुछ देर और रुक जातीं: अंजना भागी


 

नोएडा (अमन इंडिया)। हमारे युवा जुझारू फोनरवा अध्यक्ष योगेंदेर शर्मा अपनी टीम के साथ कोविड -19 के केसों में बढ़ोतरी होने के कारण, सुविधाएं जुटाने में अथक प्रयासरत हैं । हर आर. डब्लू .ऐ  के पदाअधिकारियों से फोन पर संपर्क में रहते हैं समस्याओं को पूछते हैं और समाधान के लिए बहुत दौड़ – धूप  करते हैं ये ही कारण है कि योगेंदर् जी ने समस्याओं का शीघ्र समाधान कराने हेतु फोनरवा तथा आरडब्लूए के पदाधिकारियों की DM गौतम बौद्ध नगर श्री सुहास एल. वाई के साथ 10 मई 2021, को दोपहर 12.30 बजे से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक का आ योजन किया ।  

 

डी. एम साहब क्योंकि युवा है इसलिए मौके की  नजाकत को पहले रखते हैं । एक समय था जब सतानवे हजार  केसों में लोगों की आत्मा दहल गई थी आज स्तिथि कहाँ पहुँच गई है आप सब वाकिफ हैं इस बैठक में सी एम ओ तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे । रविवार का दिन था यानि छुट्टी । बैठक पूरे 12.30 बजे  से थी मेरी अम्मा 93 साल की हैं इस लालच में कि कहीं बैठक लंबी हो गई तो अम्मा को परेशानी न् हो  मै पूरे 12.25 पर  उन्हें वाशरूम ले गई पर उन्होंने आते आते 12.35 कर दिए और मै यहीं मात खा  गई पूरे 100 लोग जुड़ चुके थे डी .एम साहब के साथ ।  मै भी कौन मानने वाली थी, बार बार कोशिश करते 12.42 पर मै  भी बैठक का हिस्सा बन गई । यह देख मुझे बहुत खुशी थी कि माननीय डी एम साहब सबको पूरा समय दे रहे थे । समस्या लंबी हो या कोई उसको समझा सकने में कितना भी समय लगाए वे पूरी तरह समझ कर समाधान करवा रहे थे । पर कुछ हमारी भी तो नैतिक जिम्मेदारी बनती है न । यूं ही कहीं – कहीं तो  बातों को रीपीट कर कर भी कुछ समय हम स्वयं खोटी करवा रहे थे ।

 

योगेंद्र जी ने जिलाधिकारी तथा अन्य अधिकारियों के स्वागत के बाद कहा कि, “कोविड के विनाशकारी संकट में प्रशासन द्वारा महत्वपूर्ण कार्य किया गया है और अब धीरे-धीरे कोविड के पीड़ितों की संख्या भी कम हो रही है” । फिर भी अभी बहुत से ऐसे  क्षेत्र है जहां पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है ।  जैसे  कि फोनर्वा के पास सरकारी अस्पतालो को लेकर शिकायत आ रही हैं कि  मरीजों को भर्ती तो कर लिया जाता है परंतु वहां उनकी देखभाल बिल्कुल नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकारी हॉस्पिटल में सी. सी. टी वी कैमरे लगाए जाएं जिससे  वहां की व्यवस्था को मोनिटर किया जा सके । प्रशासन द्वारा जारी हेल्पलाइन द्वारा लोगों को पूरी तरह से सहायता नहीं दी जा रही है लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं किया जा रहा है अतः जरूरी है कि इसमें सुधार किया जाए । नोएडा शहर में ऑक्सीजन की कमी है उसकी  पूर्ति के लिए प्रशासन शासन को पत्र लिखें जिससे कि नोएडा शहर में सभी सरकारी व गैर सरकारी हॉस्पिटल में ऑक्सीजन  की सप्लाई नियमित रूप से की जा सके । उन्होंने यह सुझाव भी रखा  कि नोएडा  की जनसंख्या को देखते हुए वैक्सीन की संख्या बहुत कम है अतः प्रशासन से निवेदन है कि वह शासन से वैक्सीन की अधिक से अधिक मात्रा बढ़ाने को पत्र लिखें और उन पर दबाव बनाए रखें । श्री शर्मा ने कहा कि गौतम बुध नगर के नोडल अधिकारीगण न तो टेलीफोन पर बात करते है बल्कि  आज तक न ही फोनरवा व नोएडा की आरडब्ल्यूए के पदाधिकारीयो के संपर्क में ही है । अतः नोएडा के निवासियों  को ऐसे अधिकारियों की आवश्यकता नही है । डी एम सर ने आश्वासन दिया कि  सरकारी हॉस्पिटल में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे व हेल्पलाइन से अधिक से अधिक लोग लाभ ले सके इसमें भी आवश्यक सुधार किए जाएगे ।

 

मेरी तो अपनी अम्मा ही बेवफा निकलीं, 2.30 बजे तक सब्र किए रहीं  पर एकदम से अंगूठा दिखा दिया । बैठक लगातार चल रही थी, “ मुझे भी तो अपनी अम्मा के ही सुझाव तथा अपनी समस्या रखनी थी” इस लिए एक सेकंड भी गवाये बिना इतने लंबे समय तक फोन की  स्क्रीन पर आंखे गड़ाए बैठी  थी अम्मा भूखे तो थोडी देर और भी रुक जाती पर बाथरूम ले जाना आवश्यक हो गया था । वे 2.42 तक फारिग हुईं और अब मीटिंग में भी अकेली मैं ।   सो  अब कहती हूँ । हमारे घर को लोग हंस कर जंगल भी कहते हैं । घर पार्क फैसिंग है । सेक्टर 11  की महासचिव होने के नाते पहला निवेदन हॉर्टिकल्चर डिपार्ट्मेन्ट के महेंदर प्रताप जी को किया में आभारी हूँ हॉर्टिकल्चर इन्स्पेक्टर अनिल शर्मा जी की भी  जिन्होंने हमारे पार्कों को सूखने नहीं दिया जिन पार्कों के सब्मर्सिबल पम्प बार बार ठीक करवाने पर भी पानी नहीं आया उन्होंने टैंकेर से पानी दिलवाया । सभी रेसीडेंट्स से निवेदन किया कि अपने घर के जाली के दरवाजे चाहे बंद रखें बाकी सब खिड़की दरवाजे खोल दें लव शर्मा पार्कों के ठेकेदार ने लेबर से तथा बीच बीच की बारिश ने पत्तियां को धोया ।   मेरी अम्मा भाई – भाभी बहन मेरा बेटा कार्तिकेय मै भतीजी सभी संक्रमित हुए । लेकिन हम सभी पेड़ों से छते अपने आँगन में अधिक से अधिक समय काटते यानि दवा और पेडों से छता नैचुरल वेनटिलैटर मेरा घर ही हमारा रक्षक बना । रात में खांसी आती पर अम्मा सहित हम सब झेल गये । मै  बहुत एहसान मंद हूँ अपनी माँ की जिन्होंने कद्दम रखते ही यहाँ पेड लगाए मेरे सेक्टर में भी बहुत से लोग संक्रमित हैं पर आक्सिजन अधिकतर लोग हरियाली से ही पा रहे हैं ।

 

अब मेरा निवेदन है डी एम साहब से- नोएडा में बहुत जिनियस टीन ऐज बच्चे भी रहते हैं जिनके माता – पिता की उनकी बड़ी –बड़ी फ़ीसें भरने से हालत बहुत ही मंदी  है वे संक्रमित होते ही सेक्टर  30  हस्पताल जाते हैं वहाँ दूर बैठे डॉक्टर उनके मुहँ खोलते ही बिना सुने  प्रिस्क्रीप्शन लिखते हैं । दूरी से ऐतराज नहीं है सुरक्षा उनकी भी आवश्यकता है  । पर पाँच दिन तक दवा खा  बुखार में  वे जब फिर दिखाने जाते है डॉक्टर कहते हैं टेस्ट करवाओ सेक्टर 39  जाओ । टेस्ट की  रिपोर्ट पाँच दिन में मिलेगी उनतालीस वाले कहते हैं रिपोर्ट लाओ । उनतालीस में डॉक्टर कहाँ मिलते हैं कुछ पता नहीं बाहर गार्ड लगे हैं वे अंदर जाने ही नहीं देते माता-पिता तड़पते हैं कुछ तो दवा लिखवाओ पाँच दिन रोगी क्या खायेगा तब गार्ड  टोल फ्री नंबर की और इशारा कर देते हैं । इसीलिए मुझे गुस्सा आता है अपनी अम्मा पर कुछ देर तो और ठहर जातीं मेरा नंबर भी आता  मैं  भी  सर के सामने ही  टोल फ्री नंबर मिलाती और   तपाक से पूछती, “आखिर पाँच दिन से आप कहाँ थे जनाब ? पूरी सिट्टी – पिट्टी गुम कर देती” पर साहब पहले पाँच दिन बुखार कम होता है बदन टूटता है इंसान किसी भी कारणवश टालता रहता है । छटे दिन  फिर टेस्ट ओर रिपोर्ट यानि सीधा ग्यारहवाँ दिन मतलब आक्सिजन और वेनटीलेटर आपसे बहुत – बहुत  निवेदन है कि सरकार कम से कम छटे दिन कूद पड़े संक्रमित रोगियों  की मदद को तब शायद हॉस्पिटल्स का भी भार कम हो जाये । अब इससे ज्यादा क्या कहूँ ?