कोरोगेटेड बॉक्स उद्योग पर महंगाई की मार, पल भर में हो जाएंगे हजारों बेरोजगार सरकार दे जल्द ध्यान



नोएडा (अमन इंडिया)।  कोरोगेटेड यानी कागज के गत्ते का उद्योग और प्रिंटिंग उद्योग इन दिनों बुरे हालात में हैं। कागजों की कीमतों में पिछले कुछ महीनों में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी से कोरोगेटेड बॉक्स उद्योग और प्रिंटिंग उद्योग पर संकट के बादल छा गए हैं। कीमतों में इजाफा होने से पैकेजिंग कार्यों में भी दिक्कत आने लगी है। जिसका असर आने वाले दिनों में उद्योग के साथ आम लोगों तक पहुंचेगा है। इसे लेकर देशभर में कोरोगेटेड बॉक्स एसोसिएशन से जुड़े लोग विरोध जता रहे हैं। 15 मार्च को गौतमबुद्ध नगर जिले में भी उत्तर प्रदेश कोरोगेटेड बॉक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (UPCBMA)के पदाधिकारियों ने सेक्टर-58 में एक मीटिंग की।

इस कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे और एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष सुशील सूद ने बताया कि 20 मार्च को प्रदेश भर के कोरोगेटेड बॉक्स उद्योग की आपातकालीन जनरल मीटिंग ( ईजीएम) बुलाई गई है। ये मीटिंग काफी अहम है। क्योंकि इसमें आगे की रणनीति को लेकर निर्णय लिया जाएगा। इस मीटिंग में प्रदेश भर के कोरोगेटेड बॉक्स उद्योग सेक्टर से जुड़े मेंबर शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि कागज की कीमतों में पिछले कुछ महीनों में जिस तरह से 80से 90 फीसदी तक की बढोतरी हुई है। इसकी वजह से पूरे देश के कारोबारी घाटे में जा रहें हैं। आशंका है कि इस वजह से लाखों संख्या में लोग बेरोजगार भी हो सकते हैं। सुशील सूद ने बताया कि इससे पहले फेडरेशन ऑफ कोरोगेटेड बॉक्स मैन्यूफैक्चरर्स ऑफ इंडिया (FCBM) ने 13 व 14 मार्च को बेंगलुरु में बैठक की थी। उस मीटिंग में भी यूपीसीबीएमए की तरफ से सुशील सूद, के.पी. सिंह और आलोक गुप्ता शामिल हुए थे।

पेपर मिलों की गुटबंदी से भी बढ़ रहे रेट, ध्यान दे सरकार

एसोसिएशन के सचिव एस.के. चौहान ने बताया कि कागजों की कीमतें लगातार बढ़ रहीं हैं। उन्होंने बताया कि पेपर मिलों की गुटबंदी के कारण पेपर के रेटों में भारी तेजी आई है। आने वाले दिनों में भी कीमतों में कमी होने की उम्मीद नहीं है। अगर ऐसा ही रहा तो इसका असर कोरोगेटेड इंडस्ट्री पर पड़ने के साथ ही इसका बोझ आम लोगों पर भी पड़ेगा है। ऐसे में कोरोगेटेड इंडस्ट्री के पदाधिकारी लगातार सरकार से कागजों की बढ़ती कीमतों पर ध्यान देने की मांग कर रहे हैं। ऐसा नहीं होने पर काफी संख्या में इंडस्ट्री बंद हो जाएंगी और लाखों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। नोएडा सेक्टर-58 में हुई बैठक में यूपीसीबीएमए के पूर्व अध्यक्ष सुशील सूद, सचिव एस.के. चौहान, रामजीवन सिंह, अनिल गुप्ता, के पी सिंह, प्रवीण गुप्ता, दुर्गम सिंह, रविश दीक्षित, विशाद गौतम के साथ ऐक्शन कमिटी के सदस्य शामिल हुए।

गौतमबुद्ध नगर जिले में ही 800 छोटी-बड़ी इंडस्ट्री पर भारी संकट है । गौतमबुद्ध नगर जिले में 800 से ज्यादा छोटी-बड़ी कोरोगेटेड से जुड़ीं इंडस्ट्री हैं। अब इन पर गहरा संकट आ गया है। कागज की कीमतें बढ़ने से प्रोडक्शन पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे में सिर्फ इसी जिले में इन इंडस्ट्री से जुड़े 70 हजार से अधिक कर्मचारियों पर संकट गहरा गया है। इसलिए प्रदेश के साथ पूरे देश भर के कोरोगेटेड उद्योग से जुड़े उद्यमियों से असोसिशन ने आग्रह किया है कि वे लोग भी इस मुद्दे को सरकार के सामने जोर-शोर से उठाएं।