राइड फॉर चेंज के तहत देशभर में 7,500 किलोमटर की शून्य उत्सर्जन शून्य अपशिष्ट की राइड की जाएगी



 नोएडा (अमन इंडिया)। राइड फॉर चेंज अभियान को बढ़ावा देते हुए पर्यावरणविद् और प्लॉगमैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर रिपुदमन सिंह वेबली ने आज नोएडा में एक साइक्लॉथन आयोजित की। उनके साथ 20-30 नोएडा एक्सप्रेस साइकिलिस्ट्सों का एक समूह रहा। इस दौरान उन्होंने दिल्ली से नोएडा में 150 किलोमीटर का सफर तय करते हुए नॉलेज पार्क, परी चौक, कासना विलेज, आईआईएलएम यूनिवर्सिटी, नोएडा सेक्टर 127 इंस्टीट्यूशनल क्षेत्र का दौरा किया। यह अंतरनगरीय राइड कूड़ा-मुक्त भारत के संदेश को बढ़ावा देने के लिए आयोजित की गई थी। सभी साइकिलिस्टों ने प्लास्टिक त्यागने, पॉलीथिन में सामान लेने के बजाय घर से निकलते समय बैग ले जाने और सबसे जरूरी कचरा फेंकने की शपथ ली।

रिपु ने कहा,‘’देश को कचड़ा-मुक्त करने की दिशा में पहल करने के लिए लोगों को प्रेरित करने और इसका संदेश फैलाने के लिए हम ऐसे कार्यक्रम करते रहते हैं। मैं चाहता हूं कि लोग पर्यावरण को स्वच्छ और हरा-भरा रखने की शपथ लें और इसके लिए खुद से पहल करें।

मुख्य राइड फॉर चेंज अभियान 15 अगस्त 2021 को दिल्ली से लॉन्च होगा और यह स्वर्णिम चतुर्भुज मार्ग को जोड़ने वाले दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू, चेन्नई और कोलकाता पर जाएगा। रिपु 70 से ज्यादा शहरों में जाएंगे। सभी प्रमुख शहरों में उनकी टीम साइक्लाथॉन्स, प्लॉगिंग अभियान और सफाई अभियान की कार्यशालाएं आयोजित करेगी। इन कार्यक्रमों में स्कूलों, कॉलेजों, औद्योगिक क्षेत्रों, स्थानीय समुदायों, नगर निगमों आदि को शामिल किया जाएगा।

यह अभियान रिपुदमन का स्वयं सहायता प्राप्त सोलो साइकिल राइड का होगा। इसके तहत कोरोना आने के बाद दुनिया में स्वास्थ्य और स्थिरता को बढ़ाने के लिए साइकिल से देशभर में 7,500 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। इस अभियान के दौरान, रिपु निम्नलिखित संदेशों को फैलाएंगे।

शून्य उत्सर्जन - नागरिक अपने कार्बन उपयोग कम करने में कैसे सहायता कर सकते हैं।शून्य अपशिष्ट - वे प्लास्टिक उपवास पर रहेंगे।फिट इंडिया - फिट इंडिया एंबेसडर के तौर पर वे देशभर में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर रहे हैं।

साइकिलिंग का चलन - देशभर के प्रमुख शहरों में जागरूकता फैलाने व साइकिलिंग के लिए सुरक्षित लेन बनाने के लिए आवेदन कर रहे हैं।मानवता के लिए - समय पर सचेत करने के लिए कि महामारी के बाद हमें अपने वातावरण को बेहतर और पहले से ज्यादा हरा-भरा बनाना है। और मानवता यह करने में सक्षम है।