कैन किडस किडस कैन ने कैंसर पीड़ित बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज के लिए मिले टैब्स

 कैंसर पीड़ित बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज के लिए मिले टैब्स



देशभर में कैंसरग्रस्त बच्चों को जिओ सिम कनेक्शन वाले 400 टैब्स का वितरण किया गया है


 


नई दिल्ली (अमन इंडिया)। नोवेल कोरोना वायरस के चलते देश भर में स्कूलों के बंद रहे। इस दौरान भी 'कैन किडस,किड्स कैन' (नेशनल सोसायटी फॉर चेंज फॉर चाइल्डहुड कैंसर इन इंडिया) ने अपनी आधिकारिक ऑनलाइन कक्षाओं के लॉन्च के अवसर पर देशभर के 17 कैंसर अस्पतालों में 400 टैब्स का वितरण किया ताकि बच्चे अपनी ऑनलाइन कक्षाओं में पढ़ाई कर सकें।


'कैन किडस,किड्स कैन' कैंसर पीडि़त बच्चों के लिए भी 'शिक्षा का अधिकार' में गहरा विश्वास रखता है ताकि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहे इन बच्चों की जिंदगी को भी औपचारिक शिक्षा, अनौपचारिक शिक्षा और चिकित्सकीय गतिविधियों से जोडऩे के साथ ही शिक्षण एवं मार्गदर्शन के जरिए इनका जीवन भी सामान्य बना सके।


कोविड-19 महामारी ने हमारी शैक्षिक प्रणाली को बुरी तरह प्रभावित किया है क्योंकि लॉकडाउन के दौरान स्कूली कक्षाओं को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया तो अस्पतालों में चलने वाले बच्चों के लर्निंग क्लिनिक भी बंद हो गए। कैन किडस ने बच्चों को महामारी के दौरान लगातार सहयोग किया और उनकी सीखने की प्रक्रिया को बाधित नहीं होने दिया। इसके लिए कैनकिड्स ने लॉकडाउन में घर और अस्पताल के लर्निंग क्लिनिक्स में स्टूडेंट इंगेजमेंट प्रोग्राम के जरिए 106 साझेदार अस्पतालों के माध्यम से 15 हजार से अधिक 'डू इट योरसेल्फ' किट (अपने अनुभवी शिक्षकों द्वारा डिजाइन किए गए विषय से संबंधित शिक्षण गतिविधि किट) का भी वितरण किया।


ऑनलाइन कैनशाला के लॉन्च के अवसर पर कैन किड्स की शिक्षा प्रमुख मीना अबरोल ने कहा कि, 'हम इन युवा कैंसर वॉरियर्स को शिक्षित, प्रेरित और प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित एवं संकल्पबद्ध हैं, ताकि वे सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आने वाली चुनौतियों का सामना कर सकें। काफी समय से, कैनशाला के अनुभवी शिक्षकों का पैनल बच्चों और उनकी कक्षाओं के बीच लॉकडाउन के चलते टूटी कड़ी को फिर से जोडऩे पर रचनात्मक और आसान तरीकों पर विचार-विमर्श कर रहा था, ताकि कोविड के चलते लगे लॉकडाउन और अन्य प्रतिबंधों के बावजूद इन बच्चों की शैक्षणिक प्रगति रुके नहीं।


इसके लिए हमने इन बच्चों को इन-बिल्ट शिक्षण सामग्री और ऐप से युक्त टैब्स वितरित किए हैं। इन टैब्स में हमारा शैक्षणिक ऐप 'दीक्षा', अनौपचारिक और चिकित्सकीय शिक्षा पाठ्यक्रम के साथ-साथ गूगलमीट, गूगल क्लासरूम, गूगल ड्राइव, जूम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप, एमएस ऑफिस और अन्य सरकारी शैक्षणिक ऐप जैसी अन्य उपयोगी सामग्री प्रदान की गई है जिसके साथ एक साल की इंटरनेट कनेक्टिविटी भी दी गई है।


कैनकिड्स संस्था की अध्यक्ष सुश्री पूनम बागई ने एक क्षण सोचे बिना ही इन किशोर कैंसर रोगियों के बीच टैबलेट के वितरण की योजना का समर्थन किया। उनका कहना है कि यह समय की आवश्यकता थी। हमने इन टैबलेट के वितरण के लिए अपनी छात्रवृत्ति नीति को भी संशोधित किया। ऑनलाइन शिक्षा की ओर इस वैश्विक कदम ने इन कैंसर वॉरियर्स बच्चों को इलाज के दौरान भी लगातार सीखने में सक्षम बनाकर एक बड़ा अवसर प्रदान किया है।


पूनम मौजूदा स्थिति से नाखुश थी क्योंकि वह जानती थी कि ये बच्चे इस समय किन हालातों से गुजर रहे हैं। उन्होंन कहा कि '400 टैब वितरित करना फिलहाल सिर्फ एक पायलट रन है। हमारे शिक्षक 'कैन शाला ऑनलाइन' को और अधिक प्रभावी ढंग से चलाने के लिए ऑनलाइन शिक्षा की गतिशीलता का भी अनुभव करेंगे और अगले साल से हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कैंसर से पीडि़त सभी बच्चों की ऐसी डिवाइस तक पहुंच हो जो कैंसर के इलाज के दौरान भी उसकी शिक्षा को सुचारु रख सके।'


फरीदाबाद के एक ब्लड कैंसर सर्वाइवर गौरव गर्ग टैब मिलने की खुशी में कहते हैं कि, 'कैंसर के इलाज के चलते मैं 4 साल की पढ़ाई नहीं कर सका हूं। मुझे रिप्लेस कर दिया गया था। आज मैं 5वीं कक्षा में हूं, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता तो मैं आज 10वीं कक्षा में होता। वहीं घर पर कोई डिवाइस नहीं होने के कारण मैं ऑनलाइन कक्षाओं में भी हिस्सा नहीं ले पाया और इसी वजह से मुझे लगातार खराब अंक मिल रहे थे। लेकिन अब इस टैब के मिलने के बाद मैं ऑनलाइन क्लास से एक भी दिन अनुपस्थित नहीं रहना चाहता।'