फोर्टिस अस्पताल नोएडा ने दान किए अंगों को दो शहरों तक पंहुचाने में की मदद महिला ने डोनेट कर 5 लोगों को दिया नया जीवनदान




 हार्ट को दिल्ली से चेन्नई पहुंचाया गया; लंग्स दिल्ली से मुंबई पहुंचाए गए


नोएडा (अमन इंडिया)। ब्रेन एन्यूरिज्म से पीड़ित एक महिला को फोर्टिस अस्पताल नोएडा में ब्रेन डेड घोषित किया गया। इस 44 वर्षीय महिला के परिवार ने 21 जनवरी 2021 को उसके अंग दान करने का फैसला किया। डॉक्टरों की एक टीम ने सुरक्षित तरीके से शरीर के अंगों (हार्ट, लंग्स, लीवर और किडनी) को निकाला। लिवर और एक किडनी फोर्टिस अस्पताल, नोएडा में भर्ती मरीज़ों को दी गई। लाइव हार्ट को चेन्नई में एमजीएम हेल्थकेयर और लंग्स को मुंबई के एचएन रिलायंस अस्पताल तक पहुंचाया गया। एक किडनी फोर्टिस अस्पताल, शालीमार बाग के मरीज़ को दी गई।

लाइव हार्ट को 21 जनवरी 2021 को 14:00 बजे शरीर से अलग किया गया। फोर्टिस नोएडा से आईजीआई एयरपोर्ट तक 48 किलोमीटर लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। ग्रीन कॉरीडोर के ज़रिए इस दूरी को केवल 36 मिनट में पूरा किया गया। फेफड़ों को मुंबई के एचएन रिलायंस अस्पताल भेजा गया। लाइव लंग्स को 14:20 बजे शरीर से अलग किया गया और फोर्टिस नोएडा से आईजीआई एयरपोर्ट तक एक और ग्रीन कॉरिडोर बनाकर इस दूरी को 35 मिनट में पूरा किया गया।

फोर्टिस हेल्थकेयर में लिवर ट्रांसप्लांट और जीआई सर्जरी के चेयरमैन और डायरेक्टर, डॉ विवेक विज ने फोर्टिस अस्पताल, नोएडा में लिवर ट्रांसप्लांट किया। फोर्टिस अस्पताल नोएडा में एडिशनल डायरेक्टर, नेफ्रोलॉजी, डॉ अनुजा पोरवाल और यूरोलॉजी के डायरेक्टर और प्रमुख, डॉ दुष्यंत नाडर ने किडनी ट्रांसप्लांट किया। एनओटीटीओ ने इसमें प्रमुख भूमिका निभाई जिसने बहुत ही कम समय में अंगों के ज़रूरतमंदों की तलाश की। नोएडा ट्रैफिक पुलिस और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की भी बड़ी भूमिका रही जिन्होंने ग्रीन कॉरिडोर बनाकर कम से कम समय में अंगों को पहुंचाने में सहायता की।

फोर्टिस अस्पताल, नोएडा के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, डॉ शानू शर्मा ने कैडेवेरिक डोनेशन के बारे में कहा, “कैडेवेरिक डोनेशन बहुत मुश्किल सर्जरी है। इसमें समय बहुत महत्वपूर्ण है। यह सराहनीय है कि इतने कम समय के भीतर एक लाइव हार्ट, लंग्स और किडनी को मृतक के शरीर के निकाल कर सही जगह पर पहुंचाया गया। हम अंगदान का निर्णय लेने वाले परिवार के ऋणी हैं जिन्होंने इतनी दुःख और मुश्किल की घड़ी में भी दूसरे लोगों के जीवन को बचाने का फैसला किया। मरीज़ के परिवार के सदस्य अंगदान के लिए सहमत हों इससे पहले उन्हें इसके बारे में पूरी जानकारी दी गई। परिवार के सदस्यों की सहमति मिलने के बाद विशेषज्ञों की टीम ने सारे प्रोटोकॉल का पालन करते हुए शरीर से अंगों को अलग किया।

फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा के जोनल डायरेक्टर  हरदीप सिंह ने कहा “हम अंगदान करने वाले परिवार के बहुत आभारी हैं। नोएडा और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अंगों को सही समय पर पहुंचाने में बहुत सराहनीय भूमिका निभाई। हम इस पूरी प्रक्रिया में सहयोग करने के लिए एनओटीटीओ (नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन) का धन्यवाद देना चाहते हैं। फोर्टिस अस्पताल नोएडा के डॉक्टरों की टीम ने अंगों को सही तरीके से निकालने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसमें शामिल सभी लोगों के निस्वार्थ और अथक सहयोग से ही यह काम संभव हो पाया है। हम दूसर लोगों से भी ऐसी परिस्थितियों में आगे आने की अपील करते हैं।

फोर्टिस हैल्‍थकेयर लिमिटेड के बारे में 

फोर्टिस हैल्‍थकेयर लिमिटेड, जो कि आईएचएच हैल्‍थकेयर बेरहाड कंपनी है, भारत में अग्रणी एकीकृत स्‍वास्‍थ्‍य सेवा प्रदाता है। यह देश के सबसे बड़े स्‍वास्‍थ्‍यसेवा संगठनों में से एक है जिसके तहत् 36 हैल्‍थकेयर सुविधाओं समेत (इनमें वे परियोजनाएं भी शामिल हैं जिन पर फिलहाल काम चल रहा है), 4000 बिस्‍तरों की सुविधा तथा 400 से अधिक डायग्‍नॉस्टिक केंद्र (संयुक्‍त उपक्रम सहित) हैं। फोर्टिस का भारत के अलावा संयुक्‍त अरब अमीरात (यूएई) तथा श्रीलंका में भी परिचालन है। कंपनी भारत में बीएसई लिमिटेड तथा नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज (एनएसई) पर सूचीबद्ध है। यह अपनी ग्‍लोबल पेरेंट कंपनी आईएचएच से प्रेरित है तथा मरीज़ों की विश्‍वस्‍तरीय देखभाल एवं क्‍लीनिकल उत्‍कृष्‍टता के उनके ऊंचे मानकों से प्रेरणा लेती है। फोर्टिस के पास 23,000 कर्मचारी (एसआरएल समेत) हैं जो दुनिया में सर्वाधिक भरोसेमंद हैल्‍थकेयर नेटवर्क के तौर पर कंपनी की साख बनाने में लगातार योगदान देते हैं। फोर्टिस के पास क्‍लीनिकल से लेकर क्‍वाटरनरी केयर सुविधाओं समेत अन्‍य कई एंसिलियरी सेवाएं उपलब्‍ध हैं।