भारत बंद के विरोध में सभी पार्टियों का प्रदर्शन

नयी दिल्ली (अमन इंडिया) देश के 19 राजनीतिक दलों और 10 प्रमुख श्रम संगठनों और कई कई बैंक यूनियनों ने तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 11 दिन से आंदोलन कर रहे किसान संगठनों द्वारा अपनी मांगों के समर्थन में आगामी बुधवार को बुलाये गये ‘भारत बंद’ का समर्थन करने का ऐलान किया है। दूसरी ओर बीच का रास्ता निकालने की पेशकश कर रही केंद्र सरकार ने संकेत दिये हैं कि नये कानूनों को वापस नहीं लिया जायेगा।


आंदोलन के साथ विपक्ष


रविवार को पूरा विपक्ष खुलकर किसानों के समर्थन में सामने आया। ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमिटी के बैनर तले बुलाये गये भारत बंद में देशभर के 400 से ज्यादा किसान संगठन शामिल हैं। विपक्षी दलों ने ‘भारत बंद’ के समर्थन में एक साझा बयान जारी किया। इसमें सोनिया गांधी सहित 11 बड़े नेताओं ने मांग की है कि केंद्र सरकार किसानों की मांगें पूरी करे। किसान आंदोलन को अपना समर्थन देने वाले नेताओं में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता शरद पवार, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, द्रमुक के चीफ एमके स्टालिन और पीएजीडी के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव,राजद की ओर से तेजस्वी यादव, भाकपा के महासचिव डी राजा, भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य, एआईएफबी के महासचिव देवव्रत विश्वास और आरएसपी के महासचिव मनोज भट्टाचार्य शामिल हैं। पवार ने यह भी कहा कि वे इस मुद्दे पर नौ दिसंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेंगे। वहीं तेलंगाना के मुख्यमंत्री और तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव ने भी भारत बंद के समर्थन की घोषणा की। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने कहा था कि पार्टी मजबूती के साथ किसानों के साथ खड़ी है।


बंद का समर्थन करने वाले द


बंद का समर्थन करने वाली पार्टियों में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा, माकपा, टीआरएस, वीसीके, एमएमके, आईजेके, केएनयेमएनके, द्रमुक, एमद्रमुक और आईयूएमएल, राजद शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर के पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) भी बंद के समर्थन में है। इस अलायंस में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट और माकपा की जम्मू-कश्मीर इकाई शामिल है।ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडरेशन (एआईबीओसी), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) तथा इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी) ने सरकार से आग्रह किया है कि वह तुरंत कदम उठाकर गतिरोध दूर करे।