बच्चों के लिए भारत की पहली लाइव ऑनलाइन अपस्किलिंग एकेडमी ‘IQ+EQ+CQ’ के माध्यम से करेगी अपग्रेड

 


 


इस खास प्लेटफॉर्म का उद्देश्य बच्चों को सिर्फ शिक्षित करने की बजाय उनमें स्किल का विकास करना है। यह बच्चों को अपने लर्निंग सॉल्यूशन के माध्यम से वास्तविक समस्याओं को हल करने में ध्यान केंद्रित करती है।


 


दिल्ली(अमन इंडिया)। कौशल विकास को अब आखिरकार तेजी से महत्व दिया जा रहा है और इसे विषय और अन्य विशेषज्ञताओं के बराबर तरहीज दी जा रही है। हालांकि, अभी भी देश में स्किल की गैप की समस्या बनी हुई है। बच्चों के भारत की पहले लाइव ऑनलाइन अपस्किलिंग एकेडमी बियॉन्डस्कूल की स्थापना इस विजन के साथ की गई थी कि यह बच्चों को उन जरूरी स्किल का विकास करेगा, जिनकी व्यावहारिक दुनिया में आवश्यकता होती है। एक तरफ जहां विषय की जानकारी भी जरूरी है, बियॉन्डस्कूल में बच्चों को लॉजिक, एनालिसिस, क्रिटिकल थिंकिंग, क्रिएटिविटी, इनोवेशन और कम्युनिकेशन जैसी स्किल के साथ तैयार किया जाता है।


बच्चों की शुरुआती उम्र में मल्टीपल इंटेलिजेंस विकसित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया इसका पहला ‘प्राइमरी ईयर्स एनरिचमें प्रोग्राम’ के तहत स्टेम (STEM) इनोवेशन, लीडरशिप कम्युनिकेशन और लॉजिमैथ प्रॉबलम सॉल्वर कोर्स को शामिल किया गया है, जो बच्चों का आईक्यू (इंटेलिजेंस क्वोसेंट), ईक्यू (इमोशनल क्वोसेंट) और सीक्यू (क्रिएटिव कोसेंट) बेहतर बनाता है और सफलता के लिए तैयार करता है


बदलती दुनिया में नए कॅरिअर विकल्पों के लिए खुद को तैयार करने हेतु यह आवश्यक हो गया है कि आज के बच्चों और कल के होने वाले प्रोफेशनल्स को एक प्रॉबलम सॉल्वर के तौर पर तैयार किया जाए, जिनमें इनोवेशन, सॉल्यूशन और अपने आइडिया कम्युनिकेट करने की क्षमता हो और अपने ग्रुप को इससे प्रभावित कर सकें।


बियॉन्डस्कूल में कॅरिकुलम तैयार करने वाले विशेषज्ञों की एक टीम है, जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ मिलकर कॅरिकुलम डिजाइन करने के लिए काम करती है। छोटे ग्रुप सेशन में इंक्वायरी आधारित लर्निंग के साथ-साथ हाईएजुकेट टु चाइल्ड और चाइल्ड टु चाइल्ड एंगेजमेंट पर शामिल होगा। बियॉन्डस्कूल के बेहतरीन एजुकेटर को किसी भी सेशन के पहले 5 चरणों की चयन प्रक्रिया और 30 घंटे की आवश्यक ट्रेनिंग से होकर गुजरना पड़ता है। इस प्लेटफॉर्म को स्थापित करने वाली टीम के पास विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने का अनुभव है और वे जियो, वोडाफोन, सैमसंग, मारुति, टीच फॉर इंडिया जैसे संस्थानों में लीडरशिप रोल निभा चुके हैं और किलोज स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, एमडीआई, आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से पढ़ाई कर चुके हैं।


इस प्लेटफॉर्म के बारे में बात करते हुए बियॉन्डस्कूल की संस्थापक और सीईओ मिस पायल गाबा ने कहा कि “एक अपस्किलिंग ऑनलाइन लर्निंग सॉल्यूशन होने के नाते बियॉन्डस्कूल एक पैरेंट से सभी पैरेंट तक पहुंचता है। बच्चों में बेहतरीन स्किल अपग्रेड करने का विचार पहली बार मुझे बतौर पैरेंट आया था और फिर बाद में इसे बिज़नेस लीडर के तौर पर लागू किया। एक पैरेंट के तौर पर मुझे लगता है कि मौजूदा एजुकेशन सिस्टम की अपनी सीमाएं हैं और यह विषयों की अच्छी जानकारी मुहैया कराता है, लेकिन इनोवेशन और वास्तविक समस्याओं को हल करने के लिए जरूरी स्किल सिखाने में सक्षम नहीं है। बियॉन्डस्कूल में हम मजबूती से इस विचार के साथ हैं कि स्कूली शिक्षा आवश्यक है लेकिन स्कूल से अलग स्किल का विकास भी अनिवार्य होना चाहिए। हमारा प्राइमरी ईयर्स इनरिचमेंट प्रोग्राम को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एक्सपर्ट की मदद से तैयार किया गया है, जिसमें 4 सेमेस्टर और 8 असेसमेंट लेवल्स हैं, जिसके माध्यम से बच्चों को प्रॉब्लम सॉल्वर, इनोवेटर और इंफ्लूएंशर बनने में मदद मिलेगी।


प्लेटफॉर्म पर यह प्रोग्राम प्रोग्रेसिव हैं और बियॉन्डस्कूल के सर्टिफिकेट प्लान के अंतर्गत उन्हें बेहतरीन स्किल वकसित करने में मदद मिलेगी। इस प्रोग्राम के तहत छात्रों को 24 प्रोजेक्ट और 2 कैप्स्टोन तैयार करने होंगे।


बियॉन्डस्कूल के बारे में


बदलती दुनिया के नए कॅरिअर विकल्पों के लिए जरूरी स्किल गैप को कम करने के उद्देश्य से तैयार किया गया बियॉन्डस्कूल नए दौर का एजुकेशन टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म है, जिसकी स्थापना अगस्त 2020 में की गई है। अपनी तरह का यह पहला प्लेटफॉर्म बच्चों के बेहतरीन स्किल का विकास करने पर जोर देता है और आईक्यू, ईक्यू व सीक्यू को कल के प्रोफेशनल की आवश्यकता के अनुरूप मजबूत करता है।


स्थापना करने वाली टीम में विशेषज्ञ हैं, जो किलोज स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, एमडीआई, आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से पढ़ाई कर चुके हैं और जियो, वोडाफोन, सैमसंग, मारुति, टीच फॉर इंडिया जैसे संस्थानों में लीडरशिप रोल निभा चुके हैं। यह टीम बियान्डस्कूल की मूल विचारधारा- ‘टू क्रिएट एंड नर्चर प्रॉब्लम- सॉल्वर, इनावेटर एंड इंफ्लयूएंशर’ को बेहतर नींव मुहैया कराती है।