फोर्टिस गुरुग्राम में पैनक्रियाटिक टेल ट्यूमर के लिए की गई अनोखी रोबोटिक सर्जरी

 


दिल्ली एनसीआर में पहला ऐसा मामला और उत्तर भारत में दूसरा


दुनिया में सबसे ज़्यादा में एक है इस प्रक्रिया के दौरान बीमार होने की और मृत्यु दर


 


गुरुग्राम(अमन इंडिया)। फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के डॉक्टरों ने मॉरीशस के 48 वर्षीय मरीज़ के पैनक्रियाटिक टेल ट्यूमर को निकालने के लिए एक चुनौतीपूर्ण रोबोटिक सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। एनसीआर क्षेत्र में अपनी तरह की पहली सर्जरी के दौरान मरीज़ को 4 सेंटीमीटर के ट्यूमर को हटाने के लिए ‘रोबोटिक डिस्टल पैनक्रिएटेक्टॉमी विद स्प्लेनेक्टॉमी’ से गुजरना पड़ा। डॉ. निरंजन नायक, निदेशक, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट, गुरुग्राम के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने की इस सर्जरी को किया। 


अस्पताल में लाए जाने पर पूरे शरीर का पीईटी सीटी स्कैन किया गया। यूट्रिन फाइब्रॉयड का आकार बढ़ने के अलावा (8 सेंटीमीटर) पैंक्रियाज़ के निचले हिस्से पर एक ट्यूमर जैसी आकृति भी थी जो कि बहुत ही कम मामलों में देखने को मिलती है। एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड के ज़रिये की जाने वाली नीडल बायोप्सी से यह पुष्टि हुई कि यह ट्यूमर घातक नहीं था। हालांकि, इसे हटाना ज़रूरी था क्योंकि यह आने वाले समय में नुकसानदायक हो सकता था। 


डॉ. निरंजन नायक, निदेशक, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कहा, “पैनक्रियाटिक टेल ट्यूमर की सर्जरी सबसे जटिल रोबोटिक सर्जरी में से एक है। इस सर्जरी से होकर गुज़रने वाले ज़्यादातर मरीज़ों में अन्य मुश्किलें पैदा होने की आशंका होती है। 4 फीसदी मरीज़ों में मृत्यु का भी खतरा होता है जो दुनिया में सर्वोच्च है। हमने एक ही बार में उसी जनरल ऐनेसथिसिया से दो सर्जिकल प्रक्रियाएं कीं- स्प्लेनेक्टॉमी के साथ डिस्टल पैंक्रिएटेक्टॉमी और एक टोटल एब्डॉमिनल हिस्टेरेक्टॉमी। दोनों ही सर्जिकल प्रक्रियाओं को बहुत ही छोटे छिद्रों के ज़रिये रोबोट की मदद से पूरा किया गया। ओपेन सर्जरी के लिए पूरे पेट पर कट लगाना पड़ता है और इसमें काफी मात्रा में खून का नुकसान होता है और तबियत सुधरने में काफी समय लगता है। हमारी कोशिश काम आई और ऑपरेशन के बाद की मुश्किलों के बिना मरीज़ की सेहत में अच्छी तरह सुधार हुआ।”


डॉ. ऋतु गर्ग, जोनल निदेशक, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने कहा, “मुझे यह बात बताने में खुशी हो रही है कि मरीज़ की तबियत में सुधार हुआ है और उन्हें ऑपरेशन के बाद की किसी मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ा। उन्होंने अपनी दिनचर्या शुरू कर दी है। इस चरण में ऐसी चुनौतीपूर्ण सर्जरी करके डॉक्टरों की हमारी टीम ने मरीज़ों पर केंद्रित देखभाल और क्लिनिकल उत्कृष्टता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाई है। हम अपने मरीज़ों के लिए सबसे अच्छा करना जारी रखेंगे और यह पक्का करेंगे कि उन्हें सबसे अच्छी गुणवत्ता चिकित्सकीय देखभाल मिले।