लॉकडाउन के बीच फोर्टिस हॉस्पिटल वसंत कुंज ने कानपुर के स्‍थानीय प्रशासन के साथ मिलकर कैंसर से पीड़ि‍त रोगी की बचाई जान 

लॉकडाउन के बीच फोर्टिस हॉस्पिटल वसंत कुंज ने कानपुर के स्‍थानीय प्रशासन के साथ मिलकर कैंसर से पीड़ि‍त रोगी की बचाई जान


   अंतिम स्‍टेज के मुंह के कैंसर से पी‍ड़ित 45-वर्षीय रोगी गंभीर स्थिति में था और उसे तत्‍काल सर्जरी की जरूरत थी
 
नई दिल्ली(अमन इंडिया )  लॉकडाउन के बीच कानपुर के रहने वाले श्री जसपाल के मुंह के कैंसर के अंतिम स्‍टेज का फोर्टिस फ्लाइट लेफ्टिनेंट राजन ढल हॉस्पिटल, वसंत कुंज (एफएचवीके) में सफलतापूर्वक उपचार किया गया। दिल्ली आने के लिए उनकी आवश्यक यात्रा के लिए परिवहन सुविधा की व्यवस्था करना कोई आसान काम नहीं था, लेकिन यह अत्यावश्यक था क्योंकि उनकी स्थिति बहुत गंभीर थी और उन्‍हें तत्काल चिकित्‍सकीय हस्तक्षेप की आवश्यकता थी। डॉ. मनदीप मल्‍होत्रा और उनकी टीम, एफएचवीके के प्रशासनिक कर्मचारियों, जिला मजिस्‍ट्रेट कार्यालय और कानपुर के गुरुद्वारा कमिटी के संयुक्‍त प्रयासों से श्री जसपाल जीवन रक्षक सर्जरी के लिए समय पर नई दिल्‍ली पहुंच पाए। 


श्री जसपाल का ट्यूमर से जब रक्‍तस्राव होने लगा तब उनके ऑन्‍कोलॉजिस्‍ट ने उन्‍हें तत्‍काल सर्जरी कराने की जरूरत बताई। हालांकि उन्‍हें कानपुर में सर्जिकल सुविधा उपलब्‍ध नहीं हो पाई और इसके लिए उन्‍हें नई दिल्‍ली जाने की जरूरत थी। दुर्भाग्‍यवश, कोविड-19 की वजह से लॉकडाउन होने के कारण श्रभ्‍ जसपाल को दिल्‍ली आने का कोई रास्‍ता नहीं सूझ रहा था। यात्रा पर पूरी तरह से पाबंदी लगी हुई थी। लेकिन दिल्ली जाना उनके लिए बेहद जरूरी था, ऐसे में उन्‍होंने स्वयंसेवक समूह दु:ख निवारण सेवा सोसाइटी से मदद लेने का विचार किया, जिसने उन्हें फोर्टिस हॉस्पिटल वसंत कुंज में डॉ. मनदीप मल्होत्रा से बात कराई और उन्‍होंने तत्‍काल इस मामले को अपने हाथ में ले लिया। अस्‍पातल के कर्मचरी ने उपचार के लिए रियायती पैकेज तैयार किया जिसमें दवाओं, उपकरण, स्‍ट्रेचर्स और पीपीई (व्‍यक्तिगत सुरक्षा उपकरण) की लागत शामिल थी। गुरुद्वारा कमिटी, कानपुर और दु:ख निवारण सेवा सोसाइटी के साथ ही कानपुर की सोसाइटी के प्रतिष्ठित सदस्‍यों ने श्री जसपाल को सर्जरी के लिए पैसे का प्रबंध किया और कानपुर के जिला मजिस्‍ट्रेट कार्यालय ने यात्रा पास और फोर्टिस हॉस्पिटल वसंत कुंज तक परिवहन की सुविधा उपलब्‍ध कराई।


एफएचवीके में हेड, नेक एंड ब्रेस्‍ट ऑन्‍कोप्‍लास्टि के विभागध्‍यक्ष डॉ. मनदीप एस मल्‍होत्रा ने कहा, ‘‘जब उन्‍हें हॉस्पिटल लाया गया था तो बाईं कपोल के म्‍यूकोस का ट्यूमर काफी बढ़ गया था और बाहरी त्‍वचा तथा ऊपरी जबड़े को प्रभावित कर रहा था। ट्यूमर से रक्‍तस्राव भी हुआ था, जो श्री जसपाल की स्थिति तेजी से खराब होने का संकेत दे रहा था। 15 अप्रैल, 2020 को उनकी रैडिकल सर्जरी की गई, जिसमें बाहरी त्वचा और जबड़े की हड्डियों (गर्दन के लिम्फ नोड्स के साथ ऊपरी और निचले) सहित उनके पूरे बाएं गाल को हटा दिया गया था। उसकी छाती और खोपड़ी के टिश्‍यू का उपयोग करके उनके चेहरे को फिर से ठीक किया गया। सर्जरी के बाद उन्‍हें 48 घंटे आईसीयू में रखा गया था, उसके बाद उनके सुधार के संकेत दिखने लगे। 20 अप्रैल, 2020 को उन्‍हें हॉस्पिटल से डिस्‍चार्ज कर दिया गया और अब वे पूरी तरह से कैंसर मुक्‍त हैं और चेहरा भी ठीक है। अब उन्‍हें मौत का भी खतरा नहीं है। यह हमारे समाज की लचीलापन, चुनौतीपूर्ण समय में मदद करने की तत्परता और जीवन को बचाने के लिए संयुक्त प्रयासों का एक उदाहरण है।” 


रोगी श्री जसपाल ने कहा, ‘‘मैं सारी उम्‍मीदें छोड़ चुका था लेकिन तभी डॉ. मनदीप और उनकी टीम, गुरुद्वारा कमिटी, दु:ख निवारण सेवा सोसाइटी और डीएम कार्यालय ने साथ मिलकर मुझे समय पर दिल्‍ली पहुंचाना सुनिश्चित किया और जरूरी उपचार मुहैया कराई। भले ही कोविड-19 संक्रमण का खतरा था लेकिन  डॉ. मनदीप और सहयोगी कर्मचारी मेरे लिए बिना किसी हिचकिचाहट के हर समय वहां मौजूद थे। मैं उनका बहुत आभारी हूं और उन्‍हें धन्‍यवाद देता हूं।”


एफएचवीके में फैसिलिटी डायरेक्‍टर डॉ. राजीव नैयर ने कहा, ‘‘ऐसे स्थिति में जब इस काम से जुड़े लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य को कोविड-19 संक्रमण का खतरा बना हुआ था, स्थानीय परिवहन अधिकारियों, अस्पताल के प्रशासनिक कर्मचारियों और एफएचवीके के डॉक्टरों की टीम ने रोगी की जान बचाने के लिए साथ मिलकर काम किया। ऐसे समय में, जहां हम वास्तविकता से बहुत दूर महसूस करते हैं, एक पल इन छोटी उपलब्धियों का जश्न मनाना महत्वपूर्ण है। यह हमारे लचीलेपन और सकारात्मक मानवीय भावना का उदाहरण है।”