राइज़: दिल्ली पहुंचा एशिया का सबसे बड़ा एलजीबीटीआई जॉब फेयर, कॉन्फ्रेंस और बाज़ार

 


 


400 से अधिक क्वीर लोगों ने ‘सुरक्षित और अपनेपन’से भरे कार्यस्थलों पर नौकरियों के लिए किया आवेदन
नई दिल्ली, (अमन इंडिया): दिल्ली अपने पहले राइज़ (रीइमेजिंग इनक्लूजन फॉर सोशल इक्विटी) की मेजबानी के लिए तैयार है। यह एशिया का सबसे बड़ा एलजीबीटीआई कॉन्फ्रेंस, जॉब फेयर और बाज़ार है। बेंगलुरु एडिशन की सफलता के बाद, राइज़ का यह दूसरा एडिशन है। यह 22 जनवरी को होटल द ललित में आयोजित होगा। राइज़ प्राइड सर्किल द्वारा आयोजित किया जाने वाला एक प्रमुख ईवेंट है। प्राइड सर्किल भारत की अग्रणी डायवर्सिटी एवं इन्क्लूजन कंसल्टिंग है, जो संगठनों को अपनी विशेषज्ञता और समाधान की मदद से समावेश को बढ़ावा देने में सक्षम बनाती है। यह 1000 से अधिक चेंजमेकर्स, व्यवसायों, संगठनों, उम्मीदवारों, छात्रों, एचआर प्रोफेशनल्स, वकीलों और विशेषज्ञों का एक दिवसीय समारोह होगा। इस आयोजन में 400 से अधिक नौकरी चाहने वाले और 30 समावेशी ब्रांड शामिल होंगे।
राइज़ में, एक सम्मेलन, जॉब फेयर और एक बाज़ार का आयोजन किया जाएगा, जहां बदलाव लाने वालों और नौकरी चाहने वालों को एक विशेष अवसर मिलेगा। जॉब फेयर सबसे बड़े एलजीबीटीआई टैलेंट पूल को समावेशी संगठनों से जोड़ेगा। इस जॉब फेयर में उबर, एक्सेंचर, बीएनवाई मेलन, द ललित, क्रोनोकरे, अनहोटल जैसी कंपनियां जॉब देने के लिए आ रही हैं। फिक्की, राइज़ के औद्योगिक पार्टनर के रूप में शामिल होगा। इच्छुक उम्मीदवार https://resume.thepridecircle.com/ पर अपना रिज्यूम जमा करके अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। एलजीबीटीआई उम्मीदवार नौकरी के अवसरों का पता लगाने के लिए वॉक-इन कर सकते हैं।
दुनिया भर के एलजीबीटीआई और सहयोगी लीडर्स विभिन्न सत्रों के माध्यम से उपस्थित लोगों के साथ बातचीत करेंगे। यहां वे विभिन्न विषयों जैसे आगे बढ़ाने वाले बिजनेस लीडर्स, कार्यस्थल की नीतियों और लाभ, कार्यस्थल पर भेदभाव, बदलाव में सहयोग, पालन-पोषण आदि पर मंत्रणा करेंगे। यहां मूवी स्क्रीनिंग, मास्टरक्लास, ब्रेकआउट और फिल्मों के साथ रिसर्च रिपोर्ट भी पेश की जाएंगी।
भारत भर के सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार के एलजीबीटीआई के स्वामित्व वाले व्यवसायों से उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने के लिए एक बाज़ार स्थापित किया जाएगा। 20 से अधिक एलजीबीटीआई के स्वामित्व वाले व्यवसायी इस आयोजन में नवीन उत्पादों और सेवाओं जैसे बेकरी, मर्चेंडाइज़, यात्रा एवं पर्यटन का प्रदर्शन करने के लिए भाग लेंगे।
प्राइड सर्किल ने पिछले साल जुलाई में एशिया का पहला एलजीबीटीआई सम्मेलन, जॉब फेयर और बाज़ार बेंगलुरु में आयोजन किया। कंपनियों और एलजीबीटी टैलेंट पूल के बीच बातचीत के लिए माहौल तैयार करते हुए, मेले में 43 प्लेसमेंट हुए जिन्हें करीब 3.9 करोड़ रुपए (550,000 अमेरिकी डॉलर) का वार्षिक कुल सीटीसी प्राप्त हुआ। यहां नौकरी चाहने वालों को आईटी सेक्टर, हॉस्पिटैलिटी, बैंकिंग, फाइनेंस, हाउसकीपिंग सहित अन्य क्षेत्रों में मेनज़मेंट स्तर के साथ—साथ कर्मचारी स्तर के जॉब की पेशकश की गई। 


प्राइड सर्कल के सह-संस्थापक, श्रीनी रामास्वामी कहते हैं, “राइज़ के माध्यम से, हम कर्मचारियों में लैस्बियन, गे, बायसेक्सुअल, ट्रांसजेंडर और इंटरसेक्स लोगों को शामिल करने को बढ़ावा दे रहे हैं। बैंगलोर में राइज़ का पहला एडिशन काफी कामयाब रहा और हमारा लक्ष्य दिल्ली एडिशन में और अधिक प्लेसमेंट करने का है। नौकरी चाहने वालों और कंपनियों के बीच बातचीत के विभिन्न स्वरूपों के माध्यम से, हम कार्यस्थल के वातावरण में टैलेंट पूल की यौन वरीयता के कारण पैदा होने वाली आशंकाओं को दूर करना चाहते हैं।"
रामकृष्ण सिन्हा, सह-संस्थापक प्राइड सर्कल, ने कहा, “हम एलजीबीटीआई समुदाय; बहुराष्ट्रीय कंपनियों (एमएनसी); भारतीय कंपनियों, विशेषज्ञों, देश भर के नीति निर्माताओं के साथ मिलकर समावेशी अवसरों को एक वास्तविकता बनाने के लिए काम कर रहे हैं। समुदाय और हमारे सहयोगियों से मिल रहे लगातार समर्थन के साथ, हम सामूहिक रूप से एक ठोस प्रभाव लाने की उम्मीद करते हैं, और सबके जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं।”
भारत के एलजीबीटीआई समुदाय को कानूनी अधिकारों के लिए लंबी लड़ाई का सामना करना पड़ा है। एक वर्ष से अधिक समय हो गया है, जब सुप्रीम कोर्ट ने औपनिवेशिक युग के एक काले कानून को समाप्त कर दिया था, जो समलैंगिक व्यवहारों को अपराधी मानता था। हालाँकि, एलजीबीटीआई समुदाय को कलंक मानना और उनसे भेदभाव करना अभी भी समाज और संगठनात्मक ढांचे में शामिल है।
इस ईवेंट को नौकरी चाहने वालों को सुरक्षित स्थान प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जहां न सिर्फ उनकी प्रतिभा के आधार पर उनका मूल्यांकन होगा और उनका चयन किया जाएगा और बल्कि उन्हें सिर्फ उनकी यौन वरीयताओं के कारण अस्वीकार भी नहीं किया जाएगा। जॉब फेयर से उम्मीद है कि यह समुदाय के सदस्यों को एक समृद्ध अनुभव प्रदान करेगा और उन्हें यह समझने में मदद करेगा कि किस तरह का कौशल उन्हें एक अच्छे रोजगार के अवसर प्रदान कर सकता है। यह नौकरी देने वाले संगठनों को अपने कार्यक्षेत्रों में एलजीबीटीआई को अपनाने के लिए भी संवेदनशील बनाएगा और प्रोत्साहित करेगा।