एचआईपीईसी प्रक्रिया से बची कैंसर पीड़ित महिला की जान





एचआईपीईसी प्रक्रिया से बची कैंसर पीड़ित महिला की जा

 नोएडा(अमन इंडिया ) :फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों ने प्राइमरी पेरिटोनियल कार्सिनोमा से पीड़ित 61 वर्षीय महिला की जान बचाने के लिए हाइपरथर्मिक इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरेपी (एचआईपीईसी) प्रक्रिया की है। नोएडा में इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल का यह पहला मामला है। 
  यह जानकारी अस्पताल में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान   डॉ. जलज बख्शी, डॉ. कबीर रहमानी ने दी। उन्होंने बताया कि नई एचआईपीईसी थेरेपी प्रभावित जगह पर ही दी जाने वाली इंट्रापेरिटोनियल कीमोथेरेपी है जिसे पेरिटोनियल सतह पर स्थित बीमारी का इलाज किया जा सके। यह पेरिटोनियम, पेट, कोलोन और ओवरी के स्टेज 3 कार्सिनोमा का सफलतापूर्वक इलाज करती है। यह ब्लड स्ट्रीम के जरिए दी जाने वाली कीमोथेरेपी से बेहतर है। इसे प्रभावित जगह पर ही दिया जाता है इसलिए इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता है और कैंसर प्रभावित जगह पर इसका एब्सॉर्पशन बहुत कम से नहीं के बराबर होता है जिससे सामान्य कीमोथेरेपी की तरह साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं। डॉ. जलज बख्शी ने बताया कि इसके ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल में सर्जरी और कीमोथेरेपी का संयोजन होता है। बाहर से दिख रही पूरी पेरिटोनियल बीमारी को गहन साइटोरिडक्टिव सर्जरी के जरिए निकाला जाता है। इसके बाद उदर के अंगों को बेहद उच्च तापमान के कीमोथेरेपी सॉल्यूशन से धोया जाता है जिसे मशीन सर्कुलेशन के जरिए बरकरार रखा जाता है। उच्च तापमान से कीमोथेरेपी एजेंट्स को प्रभावित जगह में 2 मिलीमीटर गहराई तक जाने में मदद मिलती है।