नोएडा -(अमन इंडिया) - सेक्टर-11 स्थित मेट्रो अस्पताल एवं हृदय संस्थान नोएडा में डायबिटीज को लेकर जागरूकता फैलाने पर जोर दिया गया। डाक्टरों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मधुमेह संघ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की ओर से वर्ष 1991 में वल्र्ड डायबिटीज डे मनाने की शुरुआत की गई थी। हर वर्ष डायबिटीज डे का अलग लक्ष्य होता है। यदि किसी को डायबिटीज की समस्या हो जाती है, तो इसे पूरी तरह से ठीक कर पाना नामुमकिन है। मगर जीवनशैली में आवश्यक बदलाव कर इससे होने वाले खतरों से बचा जा सकता है।
मेट्रो अस्पताल एवं हृदय संस्थान में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान समान्य रोग के वरिश्ठ विषेशज्ञ डाॅ. संजय सनाध्या व डा.एस चक्रवर्ती ने बताया कि जैसा कि मधुमेह नाम से आभास हो जाता है कि यह चीनी या मिठास आधारित है। मधुमेह या डायबिटीज आज भारत और विश्व में सबसे तेजी से फैलती बीमारी है। देश में इसके लगभग 7.2 करोड़ रोगी हैं, जिनके अनुमानित तौर पर 2025 तक 13.4 करोड़ तक पहुंचने की संभावना है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि डायबिटीज से लड़ने के लिए परिवार में हर सदस्य को इसकी जानकारी होना जरूरी है ताकि इसे समय पर रोका जा सके। डायबिटीज के मामलों पर रोक लगाना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यह हार्ट अटैक, स्ट्रोक, इंफेक्शन के अलावा किडनी फेल होने का कारण भी बन सकता है। उन्होंने बताया कि यदि डायबिटीज की फैमिली हिस्ट्री रही है तो 40 वर्ष की उम्र के बाद हर साल ब्लड शुगर चेक करवाएं। एक अन्य सवाल के जवाब में डा0 एस चक्रवर्ती और डा0 संजय ने बताया कि यदि डायबिटीज की फैमिली हिस्ट्री रही है तो 40 वर्ष की उम्र के बाद हर साल ब्लड शुगर चेक करवाएं।
उन्होंने बताया कि इस अवसर पर 14 नवम्बर को मेट्रो अस्पताल में डायबिटीज के मरीजों के लिए निःशुल्क ओपीडी चलाई जाएगी। जहां सभी मरीजों की डायबिटीज व उससे जुड़ी हुई अन्य बीमारियों की निशुल्क जांच की जाएगी। डा. चक्रवर्ती ने बताया कि मेट्रो अस्पताल में उन्होने हाल ही में नोएडा क्षेत्र के पहले डायबिटिक फुट केयर क्लिनिक का उद्घाटन किया है जोकि डायबिटिक फुट मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं।