छात्रों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना के साथ सम्‍मानित किया गया

 





























































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दिल्ली एनसीआर: अस्पताल और स्वास्थ्य प्रबंधन में भारत का नंबर एक संस्थानभारतीय स्वास्थ्य प्रबंधन अनुसंधान संस्थान (आईआईएचएमआर),एमबीए हॉस्पिटल और हेल्‍थ मैनेजमेंटएमबीए फार्मास्युटिकल मैनेजमेंटएमबीए रूरल मैनेजमेंट और मास्‍टर ऑफ पब्लिक हेल्‍थसहित अपने विभिन्न डिग्री पाठ्यक्रमों में छात्रों को सम्मानित कियाजॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटीसंयुक्त राज्य अमेरिका और आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटीभारत (सहयोगी कार्यक्रम) एक साथ कॉलेज परिसर में मौजूद थे।


5वें दीक्षांत समारोह में श्री अतुल सोबतीचेयरमैन एंड मैनेजिंग डॉयरेक्‍टरभारत हैवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (बीएचईएल) और श्री सुधीर भंडारीप्रिंसिपल (प्राचार्य) और कंट्रोलर (नियंत्रक)एसएमएस मेडिकल कॉलेजजयपुर जैसे गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति देखी गई।



  • श्री अतुल सोबतीचेयरमैन एंड मैनेजिंग डॉयरेक्‍टरबीएचईएल ने जीवन में सफल होने के लिए पांच प्रमुख बिंदुओं के बारे में बताया।


श्री सुधीर भंडारीप्रिंसिपल और कंट्रोलरएसएमएसमेडिकल कॉलेज ने कहा कि छात्रों को उनके माता-पिता औरपरिवार के सदस्यों द्वारा दिये गये बलिदान के लिए हमेशाउनका आभारी रहना चाहिए।



  • संस्थान ने छात्रों को उनके डिग्री प्रोग्राम के लिए सम्‍मानित किया  


इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और विशिष्‍ट अतिथि के रूप में शामिल हुए भंडारी ने कहा कि अगर छात्र अपने जीवन में उत्कृष्टता हासिल करना चाहते हैं तो उन्हें अपने माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा दिए गए बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिए।


"एक दीक्षांत समारोह जीवन के मील के पत्थर की तरह है जिसे कोई कभी नहीं भूलता है और मुझे यकीन है कि आप हमारे और आपके परिवार के सभी सदस्योंदोस्तों और सहकर्मियों के साथ गर्व और खुशी की असीम भावना को साझा करेंगे। अपने परिवार और फैकल्टी द्वारा आपको बेहतरीन शिक्षा देने के लिए किए गए महान बलिदानों को कभी नहीं भूलना चाहिए। अब आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपना सर्वश्रेष्‍ठ प्रदर्शन करके समाज को सबकुछ वापिस दें जिससे लोगों को आपके ऊपर गर्व हो।''  


उनके प्रेरणात्‍मक भाषण को छात्रों ने तल्‍लीनता के साथ सुनाउनका संबोधन समाप्‍त होने के बाद छात्रों ने देर तक तालियां बजाईं। भंडारी ने छात्रों को एक समग्र मंच प्रदान करने के लिए आईआईएचएमअर के सभी संकायों और कर्मचारियों की सराहना की।


उनके संबोधन के बाद अतुल सोबती का एक और प्रेरणादायक भाषण हुआउन्‍होंने छात्रों को निर्देशित किया कि वे एक ही समय पर कैसे एक सच्चे नेता और दूरदर्शी बनें।


''मैं चाहता हूं कि आपमें से हर कोई न केवल अपने क्षेत्र का अगुआ बने जो आप बनते हैं बल्कि साथ ही साथ दूरदर्शी भी बने। जीवन में एक सपना हैएक लक्ष्य है जो समाज में आपको रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाने में मदद करेगा। और इसके लिए काम करेंकड़ी मेहनत करेंक्योंकि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। सोबती ने कहा कि एक नेता और दूरदर्शी के बीच बुनियादी अंतर यह है कि दूरदृष्टि तब भी बनी रहती है जब वह आवेश में नहीं होता हैऔर कोई भी काम अकेले नहीं बल्कि एक टीम या संगठन द्वारा किया जाता है तभी लक्ष्य पूरा होता हैसभी को इसपर विश्‍वास भी होता है।''


चार दशक तक लोगों का शानदार करियर बनाने वाले सोबती ने जीवन में सफल होने के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को भी समझाया।  


''पहला सबक यह है: अपने जुनून का पालन करें और उसके प्रति सच्चे मन से डटे रहें। दूसरा सबक है: आप जो करते हैंउस पर गर्व करें। तीसरा सबक है: कारणों को समझेंलेकिन इसे छोड़े नहीं। चौथासबसे महत्वपूर्णऔर सफलता के लिए मेरा मंत्र निष्पादन पर ध्यान केंद्रित करना है। आपके लिए पांचवा और संभवत: सबसे उपयुक्त सबक है: अपने काम और जीवन को शुरू से संतुलित करें- दूसरों को स्वस्थ बनाने के लिए खुद स्वस्थ रहें।'' उन्होंने श्री महात्मा गांधी के उद्धरण के साथ यह निष्कर्ष निकाला।


डॉ. पंकज गुप्ताप्रेसीडेंटआईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने प्रमुख बिंदुओं को समझाने वाले गणमान्य व्यक्तियों को धन्यवाद दिया और छात्रों को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए बधाई दी। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 35 वर्षों में उनकी संस्था ने पूरे भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में स्वास्थ्य और अस्पताल क्षेत्र में नीति और कार्यक्रम प्रबंधन अनुसंधान में कैसे योगदान दिया।


''हम सार्वजनिक स्वास्थ्यस्वास्थ्य और अस्पताल प्रशासनफार्मास्युटिकल प्रबंधन और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में एक विशेष और अनूठे तरह के अनुसंधान और स्नातकोत्तर विश्वविद्यालय हैं। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ज्ञान सृजनभंडारणऔर स्वास्थ्य क्षेत्र में सूचना के प्रसार में उत्कृष्टता प्रदान करता है।'' उन्‍होंने यह भी कहा।  


आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के बारे में


1984 में स्थापितआईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी देश का एक प्रमुख शैक्षिक संस्थान है जो सार्वजनिक स्वास्थ्यस्वास्थ्य और अस्पताल प्रशासनदवा प्रबंधन और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में शिक्षणअनुसंधान और प्रशिक्षण में अनवरत लगा हुआ है। पिछले तीस वर्षों मेंआईआईएचएमआर ने भारत और विदेश दोनों मेंप्रबंधन संस्थानों के बीच अपने लिए एक खास जगह बनाई है। संस्थान प्राथमिक देखभाल के आधार पर स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन का प्रमुख सहयोग केंद्र है और इसे भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 'इंस्‍टीट्यूट आफ एक्‍सीलेंसका दर्जा भी प्राप्‍त है। आईआईएचएमआर पहले ही भारत में स्वास्थ्यसामाजिक और विकासात्मक प्रणालियों और नीतियों और व्यापकता के साथ दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र पर 600 से अधिक अनुसंधान परियोजनाओं और अध्ययनों का संचालन कर चुका है। अब चौथे दशक में कदम रखते हुएयह प्रभावी स्वास्थ्यसामाजिक और सार्वजनिक प्रणालियों और सामाजिक रूप से प्रासंगिक स्वास्थ्य प्रौद्योगिकियों को विकसित करने में मदद करने के लिए शिक्षा प्रदान करने का प्रयास कर रहा है।




























































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