लिवर सिरोसिस में शराब की एक बूंद भी नुकसानदेह


नोएडा (अमन इंडिया ) । रोज शराब का जाम छलकाने वाले सावधान हो जाएं। नियमित शराब पीने वाले लोगों के लिवर खराब हो रहे हैं। इन्हें किसी न किसी रूप में लीवर संबंधी बीमारियों ने जकड़ लिया है। यह बातें फेलिक्स अस्पताल के चेयरमैन, डॉ डी के गुप्ता ने विश्व लिवर दिवस पर कही।  उन्होंने बताया कि हमारे शरीर में मौजूद सभी अंग बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। शरीर के इन्हीं जरूरी अंगों में से एक लिवर कई सारे कार्यों में अहम भूमिका निभाता है। लिवर की इसी अहमियत को देखते हुए हर साल 19 अप्रैल को विश्व लिवर दिवस मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर में लिवर की बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाते हैं। लिवर मानव शरीर का अहम अंग है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। भोजन पचाने के साथ ही अन्य कई जरूरी कार्यों में भी अहम भूमिका निभाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य मकसद लोगों को लिवर की सेहत के प्रति जागरूक करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में मृत्यु का 10वां सबसे आम कारण लिवर की बीमारी है। ऐसे में यह दिन फैट वाले भोजन से परहेज कर स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर लोगों को अपने लिवर की देखभाल करने के लिए जागरूक करने के मकसद से मनाया जाता है। लिवर पेट के दाहिने तरफ रिब केज के नीचे मौजूद मानव शरीर का एक आवश्यक अंग है। लिवर पित्त का उत्पादन करता है, जो भोजन को पचाने में मदद करता है। इन सबके अलावा लिवर शरीर के अन्य लिवर अन्य कई कार्यों में भी अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में लिवर से जुड़ी कोई समस्या या बीमारी न केवल पाचन तंत्र को प्रभावित करती है, बल्कि गुर्दे, फेफड़े, हृदय और मस्तिष्क के कार्य कर भी असर डालती है। लिवर के स्वास्थ्य को बनाए रखना काफी आवश्यक है,क्योंकि यह कई कार्य करता है और मानव पाचन तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में इसे हेल्दी बनाएं रखने के लिए अपनी जीवनशैली में उचित बदलाव कर इसे खराब होने से बचाया जा सकता है। अनियंत्रित डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और मोटापा लीवर रोग बढ़ाता है। फास्ट फूड, तला, भुना खाना, पैक्ड फूड का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। इससे वजन काबू में रहता है।




फैटी लिवर का कारण बन रही बिगड़ी जीवनशैली

बिगड़ी हुई जीवनशैली, शराब और मांसाहार का अधिक सेवन, गलत खानपान, व्यायाम की कमी, मिलावटी खाद्य पदार्थ लिवर पर भारी पड़ रहे हैं। वसायुक्त खाद्य पदार्थ से बनी चीजें, जंक फूड के सेवन से शरीर में कैलोरी की बढ़ी हुई मात्रा लीवर को फैटी बना रही है। इसके साथ ही मोटापा, मधुमेह, हाई ट्राइग्लिसराइड् भी इसकी बड़ी वजह बन रहे हैं। लंबे समय की दवाओं का सेवन भी नुकसानदेह साबित हो रहा है। फैटी लिवर ऐसी समस्या है, जिसमें शरीर में मौजूद अतिरिक्त कैलोरी फैट में बदलकर लीवर की कोशिकाओं में जमने लगती है। इससे लिवर ठीक से काम नहीं कर पाता। जब लिवर की कोशिकाओं में वसा ज्यादा मात्रा में जमने लगती है तो सूजन आने लगती है, जिसका असर पाचन तंत्र पर पड़ता है और शरीर कमजोर होने लगता है। फैटी लिवर का मतलब है की मरीज में वसा जमा होनी शुरू हो गई है। भूख कम होने के साथ ही मेटाबॉलिज्म का पूरा संतुलन इससे बिगड़ने लगता है। मधुमेह, मोटापा, थायराइड, हृदय और गुर्दों की बीमारी से भी लिवर को खतरा होने की संभावना बढ़ जाती है। अनदेखी से लिवर सिरोसिस या लिवर कैंसर भी हो सकता है।


लिवर को हेल्दी बनाने के लिए इन बातों का रखें ध्यान: 

नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर से बचाव के लिए वजन नियंत्रण रखें।

स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम की मदद से लिवर को हेल्दी रखा जा सकता है।

हेपेटाइटिस-ए और हेपेटाइटिस-बी के लिए टीका जरूर लगवाएं।

-सिगरेट आदि के सेवन से भी लिवर को नुकसान पहुंचता है। इसलिए धूम्रपान न करें।

तनाव का हमारे लिवर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। खुद को तनाव से दूर रखें।

हाई कैलोरी, सैचुरेटेड फैट, कार्बोहाइड्रेट, अधिक शक्कर वाले खाद्य र्से बचे।

सेहतमंद रहने के लिए हाइड्रेट रहना बेहद जरूरी है, इसलिए खूब सारा पानी पिएं।



लिवर खराब होने के लक्षण : 

पीलिया (यानी त्वचा और आंखों का पीलापन)

त्वचा में खुजली या त्वचा में सूखापन

वजन में कमी

थकान और थकावट का अहसास

पेट में सूजन या दर्द

पेट में जलन या एसिडिटी

पेट में गैस या गुड़गुड़ की आवाज

पीला गहरा हरा रंग का मल आना