बच्चे के संक्रमित होने के बाद घबराने के बजाएं सावधानी से ले काम: डॉ डीके गुप्ता



नोएडा (अमन इंडिया)। कोरोना के नए वैरिंयट एक्सई ने भारत के कई राज्यों में दस्तक दे दी है। इधर स्कूल जाने वाले बच्चे भी संक्रमण की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। एक ही कक्षा के कई बच्चों के संक्रमित मिलने से अभिभावक चिंतित होने लगे हैं। उन्हें अपने बच्चों के संक्रमित होने की चिंता सताने लगी है, लेकिन फेलिक्स अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि अभिभावकों को घबराने के बजाए के सावधानी से काम लेना चाहिए।

फेलिक्स अस्पताल के चेयरमैन डॉ. डीके गुप्ता का कहना है कि कोरोना महामारी में बच्चों को इस वायरस का एक्टिव कैरियर माना गया है, लेकिन इस महामारी की पहली और दूसरी लहर में बच्चों पर इसका कोई खासा प्रभाव नहीं दिखा। हालांकि तीसरी लहर ने अपना असर बच्चों पर भी अच्छे से दिखाया है। यही वजह है बच्चों के माता-पिता अक्सर चिंतित रहते हैं कि कहीं उनके बच्चे तो कोरोना का वायरस अपने संग लेकर नहीं घूम रहे हैं, इन्हें कैसे बचाया जा सकता है। ऐसे तमाम सवाल हर माता-पिता के मन में घर कर बैठे हैं, लेकिन उन्हें इनका जवाब कहीं नहीं मिल रहा है। हालांकि अभिभावकों को घबराने की जरूरत नहीं है बस सावधानी बरतने की जरूरत है। बड़ों की तरह, बच्चे भी किसी अन्य परिवार के सदस्यों और अपने दोस्तों से संक्रमित हो जाते हैं। वायरस के संक्रमण की मुख्य वजह या तो हवा है या फिर किसी सदस्य से मेल-जोल। इसलिए यदि परिवार में कोई वायरस से संक्रमित हैं तो बच्चों सहित परिवार के अन्य सदस्यों को भी अपनी जांच करवानी चाहिए। टेस्ट करवाने से आपको यह पता चलेगा कि आपके घर के बच्चे वायरस से कितने सुरक्षित हैं। हालांकि कई बार बच्चों में कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं दिखते या फिर कई बार वह असिम्प्टोमटिक होते हैं, फिर भी वह इसकी चपेट में आ जाते हैं।



स्कूल भेजते समय अभिभावक बच्चों को बताएं यह बातें.........

-मास्क पहनने के लिए प्रेरित करें

-घर का बना हुआ खाना बच्चों को दे और यहीं खाने के लिए प्रेरित करें

-खांसते-छींकते बच्चे से दूरी बनाने के लिए कहें

-अपना टिफिन, पानी बोटल, स्टेशनरी का सामान शेयर करने से रोके

-क्लास रूम में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को कहें


अभिभावक इन बातों का रखें ध्यान..................

-बच्चों को साफ-सफाई के बारे में बताएं और उन्हें कोरोना बीमारी के बारे बताकर बचाव के टिप्स बताएं।

-बच्चों को थोड़ा भी सर्दी, जुकाम, बुखार तो इलाज शुरू करें दे

-बच्चों की ढंडी चीजें जैसी आईसक्रीम. चाकलेट, कोल्ड्रिंक पीने से रोके।

-कोविड के नए लक्षणों में पेट दर्द, उल्टी, दस्त जैसी समस्या भी सामने आ है। ध्यान रहे बच्चों में इस तरह के लक्षण पाएं जाने पर डॉक्टर को बताएं। अगर बच्चे सुस्त भी नजर आते हैं तो उनसे उनका हाल जरूर पूछे।

-अपने साथ बच्चों को व्यायाम, योगा और सूर्य नमस्कार जरूर कराए। इससे उनका इम्युनिटी लेवल भी बढ़ेगा, ताकत भी रहेगी और वह तंदुरूस्त बनें रहेंगे।

-बच्चों के फूड डाइट में जरूर बदलाव करें उन्हें हेल्दी सब्जी खिलाएं। फ्रूट खिलाते रहें।

-सैनिटाइजर के साथ ही बच्चों को साबुन से हाथ धोने के लिए कहें। बार-बार मुंह पर हाथ फेरने से रोकें। मास्क कैसे पहनना है और कैसे निकालकर रखना है। यह जरूर बताएं।

-बच्चों को माइंड गेम, ऑनलाइन डांस क्लास, पजल, स्टोरी रीडिंग जैसी चीजों में व्यस्त रखें।

-बच्चों को खुली हवा में भी जरूर ले जाए। इसके लिए सुबह शाम आप छत पर थोड़ी देर टहल सकते है। सुबह का वक्त ज्यादा बेहतर होता है।

-परिवार बड़ा है तो कोशिश करें कि वेंटिलेशन, खिड़कियां खुली रखें। ताकि हवा अंदर की बाहर और बाहर की अंदर आ-जा सकें। बंद कमरे में वायरस का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।